श्रीलंका के नए राष्ट्रपति ने ली शपथ, समारोह के दौरान बिजली हुई गुल 

 

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कोलंबो में शपथ ग्रहण किया. इस शपथ ग्रहण समारोह को टीवी पर लाइव टेलीकास्ट किया जा रहा था. इसी दौरान अचानक बिजली चली गई. बत्ती गुल हो जाने की वजह से लाइव टेलीकास्ट को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा. बता दें कि विक्रमसिंघे गुरुवार सुबह करीब 10 बजे शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद भवन पहुंचे. इस दौरान पार्लियामेंट के सभी सदस्य मौजूद थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अचानक बिजली सप्लाई बंद हो गई और इसकी वजह से सरकारी टीवी और दूसरे चैनलों पर लाइव टेलिकास्ट रुक गया. 

विक्रमसिंघे गुरुवार सुबह इस दौरान पार्लियामेंट के तमाम सदस्य और स्टाफ मौजूद था। प्रोग्राम का लाइव टेलिकास्ट किया जा रहा था। वैसे तो 2 मिनट में जेनरेटर्स ऑटोमैटिकली ऑन हो जाते हैं, लेकिन इस प्रोग्राम के दौरान स्थिति ऐसी थी कि 10 मिनट तक जेनरेटर्स शुरू नहीं किये जा सके. एक अफसर ने कहा- हम मामले की जांच कर रहे हैं. यह एक तरह से आपराधिक लापरवाही का मामला है.

श्रीलंका को बुधवार को नया राष्ट्रपति मिल गया. रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति बने. इससे पहले तक वो प्रधानमंत्री थे. वहीं गुरुवार को विक्रमसिंघे ने शपथ ली.

श्रीलंकाई संसद की सिक्योरिटी का जिम्मा सर्जेंट एट आर्म्स यूनिट के पास है. हकीकत में यह सेना की ही एक यूनिट है जो वीवीआईपी और संसद समेत देश के तमाम अहम संस्थानों को सुरक्षा देती है. इसके इंचार्ज नरेंद्र फर्नांडो ने कहा- यह बात सही है कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान लाइव टेलिकास्ट रुक गया था, लेकिन इसकी वजह पावर फेल्योर या पावर कट नहीं था. यहां जैसे ही बिजली जाती है, वैसे ही ऑटोमैटिक जेनेरेटर्स ऑन हो जाते हैं. टेलिकास्ट बंद होने की वजह कोई टेक्निकल रही होगी. हम इसकी जांच करा रहे हैं.

आपको बता दें कि श्रीलंका में ज्यादातर बिजली फ्यूल से बनाई जाती है. दिवालिया होने की वजह से देश में फ्यूल की किल्लत हो गई है. कुछ सप्लाई भारत और दूसरे देशों से की जा रही है, लेकिन इसका ज्यादातर इस्तेमाल सेना और इमरजेंसी सर्विस कर रही हैं. पेट्रोल पंप्स के बाहर लंबी कतार लगी रहती है, लेकिन इन्हें पेट्रोल या डीजल नहीं मिल पा रहा.

गुरुवार को ‘श्रीलंका मिरर’ ने एक रिपोर्ट में कहा- बहुत जल्द चार शिपमेंट फ्यूल लेकर कोलंबो पहुंच रहे हैं. हमें उम्मीद है कि नई सरकार इसके बाद भी फ्यूल का अरेंजमेंट कर लेगी .  इसकी वजह यह है कि IMF डील का एक बड़ा हिस्सा फ्यूल पर खर्च किया जा रहा है. इससे पेमेंट की दिक्कत नहीं होगी.