Update: नेपाल में विमान हादसे में कम से कम 68 की मौत, लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले पहाड़ी से टकराया, आग लगी; तकनीकी खराबी बनी हादसे की वजह 

 

नेपाल में रविवार सुबह बड़ा विमान हादसा हुआ. यति एयरलाइंस का प्लेन काठमांडू से 205 किमी दूर पोखरा में क्रैश हो गया. यह ATR-72 प्लेन था, जिसमें 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे. लैंडिंग से महज 10 सेकेंड पहले विमान पहाड़ी से टकरा गया. इससे प्लेन में आग लग गई और वह खाई में जा गिरा. हादसा नेपाल के पोखरा में हुआ. 

विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे. 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रेंच नागरिक थे. इनमें 3 नवजात और 3 लड़के भी शामिल हैं. एयरलांइस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि विमान के मलबे से अभी तक किसी जीवित व्यक्ति को नहीं निकाला जा सका है. बचाव अभियान जारी है.

शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, 68 यात्रियों के साथ विमान काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरने के लगभग 20 मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दुर्घटना गंतव्य से बस कुछ किलोमीटर दूर ही हुई. इस घटना के बाद एक आपात बैठक बुलाई गई है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ने इस त्रासदी के मद्देनज़र एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई है. एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा कर्मियों और आम जनता से बचाव प्रयासों में मदद करने का आग्रह किया है. एएफ़पी ने यति एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला के हवाले से रिपोर्ट दी है, 'हम अभी नहीं जानते कि क्या कोई बचे हैं या नहीं.

नेपाल में विमान हादसे काफ़ी ज़्यादा होते रहे हैं. वहाँ के एविएशन की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ जाहिर की जाती रही हैं. नेपाल का एयरलाइन व्यवसाय सुरक्षा संबंधी चिंताओं और कर्मचारियों के अपर्याप्त प्रशिक्षण से ग्रस्त रहा है.अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन द्वारा सुरक्षा चिंताओं को लेकर चेताने के बाद यूरोपीय संघ ने 2013 से नेपाल की उड़ानों को सुरक्षा को लेकर ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है.

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले नेपाल में हुए भीषण विमान हादसों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. मई 2022 में तारा एयर द्वारा संचालित एक विमान में सवार सभी 22 लोग मारे गए थे.मार्च 2018 में यूएस-बांग्ला एयरलाइंस का एक विमान काठमांडू के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई थी.