यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौता: स्कॉटलैंड के लिए ‘ऐतिहासिक अवसर’, ध्रुव कुमार का बड़ा बयान
यूके और भारत के बीच हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर स्कॉटलैंड में उत्साह की लहर है। अल्बा पार्टी के ग्लासगो डिप्टी कन्वीनर और प्रमुख स्कॉटिश नेता प्रोफेसर ध्रुव कुमार ने इस समझौते को "साझा समृद्धि की नींव" बताते हुए इसे हिमालय से लेकर हाइलैंड्स तक नवाचार और रोजगार के नए द्वार खोलने वाला करार दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर कीयर स्टारमर की मौजूदगी में हुए इस समझौते को ब्रेक्जिट के बाद यूके का सबसे बड़ा व्यापारिक करार माना जा रहा है। साथ ही, भारत ने पहली बार किसी देश को इतनी व्यापक व्यापारिक रियायतें दी हैं।
आर्थिक प्रभाव: दोनों देशों के लिए लाभकारी सौदा
FTA के माध्यम से:
- यूके की वार्षिक GDP में 4.8 अरब पाउंड की वृद्धि का अनुमान।
- मजदूरी में 2.2 अरब पाउंड की बढ़ोतरी।
- द्विपक्षीय व्यापार में 25.5 अरब पाउंड की संभावित वृद्धि।
- भारत के 1.4 अरब उपभोक्ताओं तक यूके की सीधी पहुँच।
यूके पहले ही भारत में 36 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है और यह समझौता मौजूदा 55 अरब डॉलर के व्यापार को नई दिशा देगा।
स्कॉटलैंड को क्या मिलेगा फायदा?
प्रो. ध्रुव कुमार के अनुसार, “स्कॉटलैंड की सफलता पूरे यूके-भारत गलियारे को मजबूती देगी। यह समझौता स्कॉटलैंड को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में नई ऊर्जा देगा।”
1. स्कॉटिश उद्योगों के लिए वरदान
व्हिस्की और समुद्री उत्पाद:
- स्कॉच व्हिस्की पर आयात शुल्क 150% से घटकर 75%।
- साल्मन पर 33% का शुल्क पूरी तरह समाप्त।
हरित ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्र:
- स्कॉटिश कंपनियों को भारत में 38 अरब पाउंड के सरकारी ठेकों तक पहुँच।
- पवन ऊर्जा, स्वच्छ तकनीक और कार्बन-न्यून समाधान में सहयोग।
शिक्षा और नवाचार:
- यूके में पढ़ रहे 55,000 भारतीय छात्रों को फिनटेक, एआई और उभरती तकनीकों में अवसर।
2. शुल्क रियायतें और निर्यात लाभ
- यूके के लिए: मशीनरी, चिकित्सा उपकरण और कपड़ों पर 90% तक शुल्क में छूट।
- भारत के लिए: कपड़े, इंजीनियरिंग सामान और जूते अब 99% तक ड्यूटी-फ्री यूके में पहुँच सकेंगे।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
टैविश स्कॉट, सीईओ, सैल्मन स्कॉटलैंड ने कहा, अब स्कॉटिश साल्मन भारत के 12 मिलियन टन वार्षिक मछली बाज़ार में दाखिल हो सकेगा। यह एक बड़ा अवसर है।
अन्य प्रमुख प्रावधान
- दोहरे करारोपण से छूट: अस्थायी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
- हरित विकास प्रतिबद्धता: प्रदूषण नियंत्रण और समुद्री पारिस्थितिकी की रक्षा पर बल।
- एमएसएमई सहयोग: छोटे और मझोले व्यापारों को डिजिटल और सीमा शुल्क सहायता।
ध्रुव कुमार का संदेश
समझौते को लेकर उत्साहित ध्रुव कुमार ने कहा, 2028 तक भारत के तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की राह में स्कॉटलैंड एक विश्वसनीय साझेदार रहेगा। आज हमने 300 वर्षों के साझा इतिहास में एक नया, सकारात्मक अध्याय जोड़ा है।