उत्पाद सिपाही भर्ती में अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत, विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल

 

उत्पाद सिपाही भर्ती के शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान नामकुम निवासी विकास लिंडा की जान चली गई। वह साहिबगंज के जैप-9 परिसर में दौड़ के दौरान शनिवार को बेहोश हो गए थे। उन्हें तुरंत साहिबगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार सुबह उनका निधन हो गया। शारीरिक जांच पैनल के अध्यक्ष एसपी अमित कुमार सिंह ने बताया कि रातभर विकास की हालत सामान्य थी, लेकिन रविवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।

अब तक 12 अभ्यर्थियों की हो चुकी है मौत, सरकार ने दी जानकारी
राज्य सरकार ने स्वीकार किया है कि अब तक शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान 12 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। आईजी (ऑपरेशन) एवी होमकर ने बताया कि राज्य के सात केंद्रों पर शारीरिक दक्षता परीक्षण चल रहा है, जिनमें से छह केंद्रों पर अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। इस मामले में यूडी केस दर्ज कर जांच जारी है, और मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। 

व्यवस्थाओं के बावजूद हो रही मौतें
आईजी ने बताया कि सभी केंद्रों पर अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए मेडिकल टीमें, दवाइयां, एंबुलेंस, स्ट्रेचर, मेडिकल बेड, पानी और ओआरएस जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। सरकार का प्रयास है कि अभ्यर्थियों को गर्मी से बचाने के लिए सुबह के समय ही दौड़ पूरी कर ली जाए, लेकिन इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।

583 पदों के लिए पांच लाख से अधिक आवेदन
उत्पाद सिपाही के 583 पदों पर भर्ती के लिए 22 अगस्त से शारीरिक दक्षता परीक्षा शुरू हुई है। अब तक 5,13,832 उम्मीदवारों ने इसके लिए आवेदन किया है। सात केंद्रों पर चल रहे इस परीक्षण में अब तक 1,27,572 अभ्यर्थी शामिल हो चुके हैं, जिनमें से 78,023 सफल हुए हैं। इनमें 55,439 पुरुष और 21,582 महिलाएं शामिल हैं।

झामुमो और भाजपा में टकराव
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने लगातार हो रही मौतों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई नियुक्ति नियमावली को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं चिंताजनक हैं और इसके पीछे एक्सट्रॉइड लेने की बात सामने आ रही है, हालांकि इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगी।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने इन मौतों की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मृत अभ्यर्थियों का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया और जबरन उनका दाह संस्कार करवा दिया गया। बाउरी ने कहा कि इतनी लंबी दौड़ की परीक्षा भादो की गर्मी में आयोजित करना सरकार की जिद और नाकामी का प्रमाण है।

झारखंड में 10 किमी की दौड़, बिहार में मात्र 1.6 किमी
झारखंड में पहली बार उत्पाद सिपाही की भर्ती हो रही है, जिसमें पुरुष अभ्यर्थियों को 60 मिनट में 10 किमी और महिलाओं को 40 मिनट में 5 किमी की दौड़ पूरी करनी होती है। वहीं, पड़ोसी राज्य बिहार में यह दूरी पुरुषों के लिए 1.6 किमी और महिलाओं के लिए 1 किमी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि झारखंड में इतनी लंबी दौड़ इस भीषण गर्मी में पूरी करना बेहद कठिन है, और यही कारण लगातार मौतों का प्रमुख कारण हो सकता है।