2025 झारखंड पुलिस के साबित हुआ एक बेहद कामयाब साल, नक्सलियों का खात्मा, आत्मसमर्पण की कहानी के रूप में याद किया जाएगा 2025 का GOLDEN YEAR 

Jharkhand Desk: झारखंड में नक्सलवाद के सफाए में एनकाउंटर का बहुत बड़ा हाथ रहा है. साल 2001 से 2010 के दौरान, जब झारखंड में नक्सलवाद अपने चरम पर था, उस दौरान झारखंड पुलिस का एनकाउंटर में नक्सली मार गिराने का रिकॉर्ड शून्य था...
 
Jharkhand Desk: 2025 झारखंड पुलिस के लिए नक्सल फ्रंट पर एक बेहद कामयाब वर्ष के रूप में हमेशा याद किया जाएगा. 2025 में झारखंड पुलिस ने केंद्रीय बलों के साथ मिलकर नक्सलियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, नतीजतन झारखंड से लाल आतंक का सूर्य अस्त होने के कगार पर पहुंच गया है. साल 2025 में अब तक 32 नक्सली एनकाउंटर में मारे गए, 30 ने हथियार डाल दिए और 279 को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया.

सबसे पहले बात एनकाउंटर की

झारखंड में नक्सलवाद के सफाए में एनकाउंटर का बहुत बड़ा हाथ रहा है. साल 2001 से 2010 के दौरान, जब झारखंड में नक्सलवाद अपने चरम पर था, उस दौरान झारखंड पुलिस का एनकाउंटर में नक्सली मार गिराने का रिकॉर्ड शून्य था. झारखंड पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2001 से 2010 तक झारखंड पुलिस एक भी नक्सली को एनकाउंटर में मार गिराने में असफल रही. लेकिन साल 2011 से नक्सलियों के खिलाफ झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों ने जोरदार कार्रवाई शुरू की, नतीजतन 2011 से 2024 तक 191 नक्सलियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया. लेकिन साल 2025 झारखंड पुलिस के लिए रिकॉर्ड कामयाबी लेकर आया. झारखंड पुलिस ने साल 2025 के जनवरी महीने से नवंबर महीने तक 32 नक्सलियों को एनकाउंटर में मार गिराया है, जिनमें कई इनामी शामिल थे. साल 2001 से 2025 के बीच झारखंड पुलिस द्वारा एनकाउंटर में कुल 223 नक्सली मारे गए, जिनमें से 32 सिर्फ 2025 में मारे गए.

वर्ष 2025 में झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ प्रमुख मुठभेड़ें और मारे गए नक्सली

साल 2025 में कौन कौन नक्सली मारे गए

वर्ष 2025 में झारखंड पुलिस और सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियानों में बड़ी सफलताएं हासिल कीं. जनवरी से सितंबर तक कुल 32 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए.

  • 11 जनवरी 2025: रामगढ़ जिले में टीपीसी का कुख्यात नक्सली राहुल तुरी एनकाउंटर में मारा गया. मौके से पुलिस ने कंट्री मेड पिस्तौल सहित कई कारतूस और मैगजीन बरामद किए.
  • 21 जनवरी 2025: बोकारो में भाकपा (माओवादी) की महिला एरिया कमांडर शांति और दस्ता सदस्य मनोज टुडू एनकाउंटर में मार गिराए गए. मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने एके-47 और इंसास राइफल बरामद की.
  • 29 जनवरी 2025: चाईबासा में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ में भाकपा (माओवादी) के जोनल कमांडर संजय गंझू और महिला एरिया कमांडर हेमंती मांझिया मारे गए. दोनों पर क्रमशः 15 लाख और 5 लाख रुपये का इनाम था. मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद हुए.
  • 21 अप्रैल 2025: बोकारो में वर्ष की सबसे बड़ी सफलता मिली. एनकाउंटर में भाकपा (माओवादी) के एक करोड़ रुपये के इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ कुख्यात नक्सली मारे गए. अन्य मारे गए नक्सलियों में अरविंद यादव, 10 लाख के इनामी साहेबराम मांझी, गंगाराम, महेश, तालो दी, महेश मांझी और रंजू मांझी शामिल थे. मौके से पुलिस ने चार इंसास, एक एसएलआर, एक रिवॉल्वर, आठ लोकल गन सहित 500 से अधिक कारतूस बरामद किए. यह झारखंड पुलिस की पहली सफलता थी जिसमें एक करोड़ के इनामी नक्सली को मार गिराया गया.
  • 26 मई 2025: लातेहार में जोरदार मुठभेड़ में जेजेएमपी का सुप्रीमो पप्पू लोहरा और प्रभात गंझू मारे गए. पप्पू लोहरा पर 10 लाख तथा प्रभात गंझू पर 5 लाख रुपये का इनाम था. मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने इंसास राइफल सहित 400 से अधिक कारतूस बरामद किए.
  • 26 मई 2025: इसी दिन लातेहार में भाकपा (माओवादी) का जोनल कमांडर और 5 लाख के इनामी मनीष यादव मारा गया. पलामू में भी नक्सली तुलसी भुइयां एनकाउंटर में मारा गया.
  • 16 जुलाई 2025: बोकारो जिले में 5 लाख के इनामी नक्सली कमांडर कुंवर मांझी सहित दो नक्सली एनकाउंटर में मारे गए. मौके से पुलिस ने एके-47 और एसएलआर जैसे हथियार बरामद किए.
  • 26 जुलाई 2025: गुमला जिले में मुठभेड़ में जेजेएमपी के तीन नक्सली मारे गए. इनमें दिलीप लोहरा, श्याम सुंदर लोहरा और सुनील मुंडा शामिल थे. मौके से पुलिस ने एके-47 और इंसास जैसे हथियार बरामद किए.
  • 6 अगस्त 2025: गुमला में मुठभेड़ में 15 लाख के इनामी पीएलएफआई का सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा एनकाउंटर में मारा गया.
  • 13 अगस्त 2025: चाईबासा जिले में भाकपा (माओवादी) का एरिया कमांडर अरुण वरुण मारा गया. मौके से चार एसएलआर और 600 से अधिक कारतूस तथा मैगजीन बरामद हुए.
  • 7 सितंबर 2025: चाईबासा जिले में 10 लाख के इनामी नक्सली अपटन (अमित हांसदा उर्फ अपटन) मुठभेड़ में मारा गया.
  • 14 सितंबर 2025: पलामू में टीपीसी का कुख्यात नक्सली और 5 लाख के इनामी महादेव यादव एनकाउंटर में मारा गया.
  • 15 सितंबर 2025: हजारीबाग जिले में मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली सहदेव सोरेन, 25 लाख के इनामी चंचल (रघुनाथ हेम्ब्रम) और 10 लाख के इनामी बिरसेन एक साथ मारे गए. मौके से पुलिस ने तीन एके-47 सहित दर्जनों कारतूस बरामद किए.
  • 23 सितंबर 2025: गुमला में मुठभेड़ में जेजेएमपी संगठन के तीन नक्सली मारे गए. इनमें छोटू उरांव, सत्येंद्र उरांव और सुजीत उरांव शामिल थे. मौके से पुलिस ने एके-47 और इंसास राइफल बरामद की.

ये अभियान झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. सुरक्षा बलों की सतत कार्रवाइयों से नक्सली संगठनों को भारी क्षति पहुंची है. साल 2025 में झारखंड पुलिस और सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ सघन अभियान चलाया, जिससे माओवादी संगठनों को भारी क्षति पहुंची. जनवरी से दिसंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने 32 से 34 माओवादियों को मुठभेड़ों में मार गिराया, 266 से 370 नक्सलियों को गिरफ्तार किया तथा 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. इनमें कई इनामी नक्सली भी शामिल थे.

साल 2025 की शुरुआत से अब तक झारखंड पुलिस ने विभिन्न जिलों में सघन अभियानों के तहत 266 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सलियों में दर्जनों ऐसे थे, जिन पर 10 लाख से 25 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था. ये गिरफ्तारियां मुख्य रूप से कोल्हान, सारंडा और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में हुईं.

सुरक्षा बलों के लगातार दबाव और झारखंड सरकार की आकर्षक आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के कारण वर्ष 2025 में अब तक 30 नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया. आत्मसमर्पण करने वालों में आधा दर्जन इनामी नक्सली शामिल थे. साल 2000 से 2025 तक झारखंड में कुल 342 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. सबसे अधिक आत्मसमर्पण वर्ष 2017 में हुआ था, जब 47 नक्सलियों ने हथियार डाले थे.

वर्ष 2025 में नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान पुलिस ने नक्सलियों से लूटे गए 64 हथियार बरामद किए. इसके अलावा नक्सलियों के स्वामित्व वाले 20 उच्च कोटि के हथियार भी जब्त हुए. साल 2000 से 2025 तक पुलिस ने कुल 710 लूटे हुए हथियार बरामद किए हैं. अभियानों में बड़ी मात्रा में कारतूस, विस्फोटक और आईईडी भी नष्ट किए गए.

आईजी (अभियान) माइकल राज के अनुसार, झारखंड के कई पूर्व नक्सल प्रभावित जिले अब शांति की ओर अग्रसर हैं. बोकारो, गिरिडीह, रांची, धनबाद, पलामू, लातेहार, सरायकेला, गढ़वा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, चतरा और हजारीबाग जैसे जिलों में माओवादी गतिविधियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं. वर्तमान में राज्य में केवल 85 माओवादी सक्रिय हैं, जिनमें से 45 पर इनाम घोषित है. इनमें से 65 माओवादी सारंडा क्षेत्र में केंद्रित हैं, जहां एक करोड़, 25 लाख, 10 लाख और 5 लाख रुपये के इनामी नक्सली छिपे हुए हैं.

झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने में सारंडा सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में नक्सलियों की कमान पोलित ब्यूरो सदस्य और एक करोड़ रुपये के इनामी मिसिर बेसरा के हाथ में है. उनके साथ 60 खूंखार नक्सलियों की टीम सक्रिय है, जिसमें केंद्रीय कमिटी सदस्य अनल दा और असीम मंडल, तथा झारखंड-बिहार स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य सुशांत सहित अन्य शामिल हैं. ये सभी कोल्हान क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं.

इसके अलावा 20-25 नक्सलियों का एक दस्ता कुख्यात कमांडर अजय महतो के नेतृत्व में कार्यरत है, जो पश्चिमी सिंहभूम में कैंप कर रहा है. सुरक्षा बलों की सख्ती का स्पष्ट असर दिख रहा है. वर्ष 2025 में अब तक 32-34 माओवादियों को मुठभेड़ों में मार गिराया गया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने खुलासा किया कि कई अन्य साथी मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, लेकिन विश्वसनीय मध्यस्थता की कमी बाधा बन रही है.

झारखंड पुलिस ने मार्च 2026 तक माओवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस दिशा में संयुक्त अभियान, सुरक्षा कैंपों की स्थापना और विकास कार्य प्रभावी साबित हो रहे हैं. इन कैंपों से नक्सलियों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होगी तथा उनके पलायन के रास्ते बंद होंगे. यह रणनीति न केवल माओवादी उन्मूलन में सहायक होगी, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगी.

2025 पलामू जोन में नक्सल संगठनों के खिलाफ पुलिस को कई बड़ी सफलता मिली है. प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जन्म मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है उसका पलामू, गढ़वा और लातेहार जिला से सफाया हो गया है. जबकि नक्सल संगठन टीएसपीसी खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है जबकि माओवादियों के पास पलामू जोन में सिर्फ छह कमांडर ही बचे हैं.

पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में जेजेएमपी सुप्रीम पप्पू लोहार और उसका साथी प्रभात गंझू मारा गया था. 26 मई को लातेहार के महुआडांड़ के इलाके में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में पांच लाख के इनामी नक्सली कमांडर मनीष यादव मारा गया था. वहीं, पलामू के इलाके में 27 मई को हुए मुठभेड़ में माओवादियों का एरिया कमांडर तुलसी भुईयां मारा गया. सितंबर महीने में पलामू के मनातू कि इलाके में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 15 लाख का इनामी टीएसपीसी कमांडर मुखदेव यादव मारा गया.

2025 में पुलिस एवं सुरक्षबल को नक्सली संगठनों के खिलाफ सफलता मिली है. नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और पुलिस लगातार बचे हुए नक्सलियों से मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्म समर्पण करने की अपील कर रही है. पुलिस अभी इलाकों में नजर बनाए हुए है, कमांडरों को टारगेट किया गया है. - शैलेंद्र कुमार सिन्हा, आईजी, पलामू

2025 में कई नक्सल टॉप कमांडरों ने आत्मसमर्पण भी किया है. जबकि आपसे लड़ाई में माओवादियों का रीजनल समिति सदस्य छोटू खरवार भी मारा गया है. लातेहार में जेजेएमपी के 11 टॉप कमांडरों आत्मसमर्पण किया है. टीएसपीसी और जेजे एमपी के टॉप कमांडर भी गिरफ्तार हुए हैं. 2025 में पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में 300 से नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया गया. लातेहार के बूढ़ा पहाड़ से सटे हुए एवं पलामू लातेहार सीमावर्ती इलाकों में नक्सल संगठनों का प्रभाव लगभग खत्म हो गया है.