दिवाली नजदीक आते ही बढ़ गई मार्केट की रौनक, हजारीबाग की ये महिलाएं दिन रात मेहनत कर बना रही आकर्षक दीए 

Jharkhand Desk (Hazaribaag): रोशनी का त्योहार दीपावली को लेकर हजारीबाग में जोर-शोर से तैयारी चल रही है. कुम्हार दीये बनाने में दिन-रात लगे हुए हैं .इस बार हजारीबाग डिजाइनर दीयों से जगमगाएगा. जिले के कटकमदाग प्रखंड के हथामढ़ी गांव में महिलाएं डिजाइनर दीये तैयार कर रही हैं.
 
Jharkhand Desk (Hazaribaag): रोशनी का त्योहार दीपावली को लेकर हजारीबाग में जोर-शोर से तैयारी चल रही है. कुम्हार दीये बनाने में दिन-रात लगे हुए हैं .इस बार हजारीबाग डिजाइनर दीयों से जगमगाएगा. जिले के कटकमदाग प्रखंड के हथामढ़ी गांव में महिलाएं डिजाइनर दीये तैयार कर रही हैं. इनके दीये की मांग हजारीबाग ही नहीं, बल्कि दूसरे शहरों में भी है.
बदलते समय में दीये का स्वरूप बदला
बदलते समय ने दीये के स्वरूप को बदल दिया, लेकिन इसकी सुंदरता दिन-प्रतिदिन और निखरते जा रही है. हजारीबाग के सुदूरवर्ती कटकमदाग प्रखंड के हथामढ़ी गांव में एक परिवार डिजाइनर दीये बड़े शिद्दत के साथ तैयार कर रहा है. घर में तीन-तीन मशीनें लगी हैं.
महिलाएं सुबह से लेकर रात तक दीये बना रही हैं. एक दिन में 1000 से अधिक दीये तैयार किए जा रहे हैं. डिजाइनर दीये में केमिकल और केरोसिन का उपयोग होता है. जिस कारण इसकी सुंदरता और भी अधिक निखर जाती है.
दीये बनाने वाली महिलाएं बताती हैं कि डिजाइनर दीये का फायदा है कि इस तरह के दीये में तेल कम सोखता है. डिजाइनर दीये देखने में खूबसूरत लगते हैं. बदलते समय के अनुसार डिजाइनर दीये की मांग भी बढ़ी है. दीये पहले कुम्हार चाक से बनाया करते थे. जिसमें काफी मेहनत लगती थी. लेकिन बदलते समय में चाक की जगह मशीन ने ले ली है.
आधुनिक जमाने की कुम्हार चाक की जगह मशीनों से दीये बना रहें हैं. मिट्टी के दीये और अन्य सामान बनाकर महिलाएं अपना परिवार चला रही हैं. यह काम लघु उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है.
दीये बनाने वाली महिलाएं कहती हैं कि सिर्फ दीपावली ही नहीं, बल्कि सालों भर डिजाइनर दीये की मांग रहती है. हालांकि दीपोत्सव में डिजाइनर दीये की मांग बढ़ जाती है. स्थिति ऐसी हो जाती है कि मांग के अनुरूप दीये उपलब्ध कराना चुनौती बन जाती है.
दीये बनाने वाली महिलाएं कहती हैं कि सिर्फ दीपावली ही नहीं, बल्कि सालों भर डिजाइनर दीये की मांग रहती है. हालांकि दीपोत्सव में डिजाइनर दीये की मांग बढ़ जाती है. स्थिति ऐसी हो जाती है कि मांग के अनुरूप दीये उपलब्ध कराना चुनौती बन जाती है.
इस बार हजारीबाग डिजाइनर दीयों से जगमगाएगा. महिलाएं जी-तोड़ मेहनत कर दीये तैयार कर रही हैं.