झारखंड ATS का बड़ा खुलासा: अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क संभाल रहा था सुनील मीणा, DSP पर फायरिंग केस में दाखिल हुई पूरक चार्जशीट

 

Jharkhand News: झारखंड एटीएस ने कुख्यात अपराधी और अमन साहू गिरोह के रणनीतिकार सुनील कुमार उर्फ सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह के खिलाफ पूरक आरोप पत्र (चार्जशीट संख्या 10/2025) दाखिल कर एक बार फिर उसके अपराध जगत के काले चेहरों को बेनकाब कर दिया है। अजरबैजान से प्रत्यर्पित होने के बाद यह उसके खिलाफ दायर पहली बड़ी चार्जशीट है, जिसमें उसकी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों से लेकर सोशल मीडिया पर पुलिस को खुली चुनौती देने तक के कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

इंस्टाग्राम डाटा से खुला अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन का राज

जांच में यह पुष्टि हुई है कि मयंक सिंह भारत से बाहर रहकर गिरोह को संचालित करता रहा। तकनीकी साक्ष्यों, इंस्टाग्राम के आईपी लोकेशन और पासपोर्ट रिकॉर्ड के आधार पर एटीएस ने बताया कि—
    •    2019 में वह मलेशिया गया और शाह आलम शहर में वेयरहाउस वर्कर बनकर रह रहा था
    •    2023 में थाईलैंड के फुकेट में शिफ्ट हुआ
    •    सितंबर 2024 में अजरबैजान पहुंचा, जहां रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर गिरफ्तार हुआ

सभी देशों से उसके इंस्टाग्राम अकाउंट के लॉगिन लोकेशन का मिलान भी मिला है।

DSP पर फायरिंग की खबर पर इंस्टाग्राम पोस्ट—“हमारा कद पुलिस से ऊंचा”

सबसे सनसनीखेज खुलासा उसका सोशल मीडिया व्यवहार है। पतरातू में एटीएस छापेमारी के दौरान जब पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग हुई और एक DSP व दारोगा घायल हुए, तब विदेश में बैठे मयंक सिंह ने इस घटना का फायदा उठाकर अपने गिरोह का मनोबल बढ़ाने की कोशिश की।

उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट SK Meena Gharsana 007 पर अखबार की कटिंग का वीडियो बनाकर पोस्ट किया और टिक मार्क लगाकर यह संदेश दिया कि उनके गिरोह का दबदबा पुलिस से अधिक है। चार्जशीट के अनुसार, उसने फायरिंग की जिम्मेदारी भी ली थी।

विदेश में छिपकर गैंग चलाने के सबूत

एटीएस की जांच में यह सामने आया कि—
    •    मयंक सिंह और मृत गैंगस्टर अमन साहू के बीच जुलाई 2023 में बातचीत हुई थी
    •    बातचीत का विषय था: रंगदारी वसूलना और भय का माहौल कायम रखना
    •    दोनों ने पतरातू में मीटिंग आयोजित कराने का आदेश दिया
    •    निर्देश दिए गए थे कि यदि पुलिस हस्तक्षेप करे तो तुरंत फायरिंग की जाए

इसी आदेश के पालन में अपराधियों ने पुलिस पर हमला किया, जिसमें अधिकारी घायल हुए।

कई गंभीर धाराओं में मामला सत्यापित

चार्जशीट में मयंक सिंह के खिलाफ जिन धाराओं में आरोप सिद्ध पाए गए हैं, उनमें शामिल हैं—
    •    IPC 353 – सरकारी कार्य में बाधा
    •    IPC 307 – हत्या का प्रयास
    •    IPC 120B – आपराधिक साजिश
    •    आर्म्स एक्ट की धाराएँ
    •    UAPA की धारा 16, 17, 20 – आतंकी गतिविधि, वित्तीय सहयोग, आतंकी संगठन से जुड़ाव

राज्य के विधि विभाग ने यूएपीए के तहत अभियोजन की स्वीकृति भी दे दी है।

इसके अलावा गिरफ्तार आरोपी बॉबी साव और दिगंबर प्रजापति ने अपने बयान में मयंक सिंह की संलिप्तता उजागर की है।

गिरोह के वैश्विक नेटवर्क पर अगला शिकंजा

एटीएस का मानना है कि मामले में मिले तकनीकी साक्ष्य और बयान यह साबित करते हैं कि सुनील मीणा केवल राज्यस्तरीय अपराधी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय लोकेशन से एक संगठित नेटवर्क संचालन करने वाला रणनीतिकार था। नई चार्जशीट इस दिशा में बड़ा दस्तावेज मानी जा रही है।