भाजपा को काम से नहीं, गरीबों को मिल रही सुविधा से तकलीफ है : आलोक कुमार दूबे
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने "अटल मोहल्ला क्लिनिक" का नाम बदलकर "मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लिनिक" किए जाने पर भाजपा की आपत्ति को हास्यास्पद करार देते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा, इसलिए वह नाम को लेकर सस्ती राजनीति कर रही है।
आलोक दूबे ने कहा कि भाजपा को पहले अपना इतिहास ठीक से समझना चाहिए। झारखंड के गठन में केवल भाजपा का योगदान नहीं था। 19 दिसंबर 2000 के अखबारों को देख लें — तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने भी संसद में माना था कि कांग्रेस के सहयोग के बिना झारखंड का निर्माण संभव नहीं था। कांग्रेस ने न केवल विपक्ष का समर्थन जुटाया, बल्कि झारखंड के पक्ष में माहौल बनाकर उस समय सत्ता भी छोड़ दी थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दूरदर्शी नीतियों और समावेशी राजनीति के कारण ही झारखंड राज्य अस्तित्व में आ सका। वहीं भाजपा केवल श्रेय लूटने और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की राजनीति करती रही है।
दूबे ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उनके शासन में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थीं — डॉक्टरों की बहाली रुकी, अस्पतालों की हालत खराब हुई और आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संघर्ष करना पड़ा। अब जब हेमंत सोरेन सरकार ‘मोहल्ला क्लिनिक’ जैसी योजनाओं के जरिए चिकित्सा सुविधाएं सीधे आम लोगों तक पहुँचा रही है, तो भाजपा को क्लिनिक के नाम से दिक्कत हो रही है।
मदर टेरेसा के नाम को लेकर उठाए गए सवालों पर आलोक दूबे ने दो टूक जवाब दिया — “मदर टेरेसा त्याग, सेवा और करुणा की प्रतीक हैं। उनका नाम लेना हमारे लिए गर्व की बात है। अगर उनके नाम पर कोई स्वास्थ्य योजना शुरू होती है, तो यह न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय होना चाहिए।”
उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि क्या अब उन्हें मदर टेरेसा के नाम से भी परेशानी होने लगी है? क्या सेवा की भावना से जुड़ी योजनाओं पर भी भाजपा राजनीति करेगी?
आलोक दूबे ने अंत में कहा कि भाजपा की राजनीति अब केवल ध्यान भटकाने, भ्रम फैलाने और काम न करने के बहाने तलाशने तक सीमित रह गई है। जबकि हेमंत सरकार धरातल पर काम कर रही है — गरीबों को मुफ्त दवाइयाँ, जांच और इलाज मिल रहा है। इसी कारण भाजपा बौखलाई हुई है।
जनता अब सब समझ रही है — कौन जनहित में है और कौन सिर्फ सत्ता के लिए समाज को बांटने में लगा है।