चाईबासा लाठीचार्ज विवाद: कोल्हान बंद के कारण सड़कों पर सन्नाटा...
Jharkhand Desk: झारखंड के चाईबासा में आदिवासियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में भाजपा द्वारा आहूत ' कोल्हान बंद ' का पश्चिमी सिंहभूम जिले में बुधवार को व्यापक असर देखने को मिला. बंद के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और जनजीवन प्रभावित रहा. सुबह होते ही भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उन्होंने अधिकांश दुकानें बंद करा दीं. बंद समर्थकों ने सड़क पर आगजनी कर हेमंत सोरेन सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. चक्रधरपुर, जगन्नाथपुर और सोनुआ जैसे क्षेत्रों में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
वहीं टाटा-रांची, किरीबुरू और दूसरे ग्रामीण इलाकों के लिए बसों का परिचालन पूरी तरह ठप रहा. जिसका असर आम लोगों की आवाजाही पर सीधे तौर पर देखा गया.
टायर जलाकर व्यक्त किया आक्रोश
इधर, बंद समर्थकों ने चक्रधरपुर,जगन्नाथपुर, सोनुआ आदि जगहों पर सड़कों के बीचों बीच टायर जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया है. दुकानें भी पूरी तरह बंद रही, सड़कों पर परिचालन पूरी तरह ठप्प रहा.
आदिवासी युवकों पर पुलिस ने किया था लाठीचार्ज
दरअसल, यह बंद सोमवार रात हुई घटना के विरोध की प्रतिक्रिया के रूप में बुलाया गया. उस दिन मंत्री दीपक बिरुआ के आवास का घेराव करने पहुंचे आदिवासी युवकों पर पुलिस ने देर रात लाठीचार्ज किया था, जिसके बाद भगदड़ की स्थिति मच गई थी. इस दौरान 17 युवक लापता हो गए और चार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इन्हीं युवकों की सकुशल बरामदगी और गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग को लेकर बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के साथ मिलकर बुधवार को बंद का आह्वान किया था.
आदिवासी युवाओं की आवाज दबाने का आरोप
इससे पहले मंगलवार को बीजेपी नेताओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने चाईबासा पोस्ट ऑफिस चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन कर विरोध जताया. उन्होंने राज्य सरकार पर आदिवासी युवाओं की आवाज को दबाने और पुलिसिया दमन का आरोप लगाया.
बंद के चलते पूरे चाईबासा में जनजीवन प्रभावित रहा. स्कूल-कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रही और यात्री वाहन नहीं चलने से लोगों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ी. पुलिस प्रशासन ने बंद को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस जवानों की तैनाती की गई है.
चाईबासा में ग्रामीणों पर हुई लाठीचार्ज के विरोध में कोल्हान बंद का असर खरसवां में पड़ा है. बंद समर्थकों ने सड़क पर टायर जलाकर बाजार बंद कराया है. वही बीजेपी नेत्री मीरा मुंडा, बंद समर्थकों के साथ सड़क पर उतरी है.
चंपाई सोरेन ने किया था बंद आव्हान
चाईबासा में ग्रामीणों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़ने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बीजेपी नेता चंपाई सोरेन ने सरकार पर आदिवासियों पर अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए कोल्हान बंद करने का एलान किया गया था, जिसके तहत चाईबासा और खरसांवा में बंद का असर दिख रहा है.
खरसावां में बंद का असर साफ
इधर, सरायकेला जिला के खरसावां में बंद का असर साफ साफ देखा जा सकता है. बता दें कि बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिया है. इधर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थिति सामान्य है. जिले के पश्चिमी सिंहभूम से सटे खरसावां में बंद का असर दिख रहा है. यहां चाईबासा से होकर चलने वाली बस परिचालन ठप है.
बंद समर्थकों ने सड़क पर टायर जलाकर बाजार बंद कराया है. प्रदर्शनकारियों के साथ बीजेपी नेत्री मीरा मुंडा भी मौजद रही. बंद समर्थकों की मांग है कि एनएच 220 और बाईपास मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए, ताकि दुर्घटना ना घटे. बंद को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सभी प्रमुख सड़कों और चौक-चौराहों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है.