चंपाई सोरेन बीजेपी के लोभ जाल में फंसे, इनकी हालत भी साइमन मरांडी, हेमलाल मुर्मू एवं सीता और गीता जैसी होगी : कैलाश यादव

 

झारखण्ड प्रदेश राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने झामुमो के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री चंपाई सोरेन के आगामी दिनों में बीजेपी में शामिल होने की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के साथ राजनीति करने वाले लोग कभी भी कट्टरपंथी विचारधारा (बीजेपी) पार्टी को नहीं अपना सकते हैं, लेकिन चंपाई सोरेन भारी लोभ लालच के चक्कर में बीजेपी के भंवर जाल में फंस गए हैं। 

चंपाई सोरेन बहुत ही वरिष्ठ राजनेता हैं उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि पूर्व में साइमन मरांडी, हेमलाल मुर्मू भी भाजपा में गए थे, लेकिन उन्हें अपमान का घूंट पीकर पार्टी में रहना हुआ था अंततः पुनः झामुमो में लौटना पड़ा। विगत दिनों लोकसभा चुनाव के दरम्यान झामुमो के विधायक रहीं सीता सोरेन और सांसद रहीं गीता कोड़ा भी बीजेपी में शामिल हुई है, लेकिन लोकसभा चुनाव में जनता ने दोनों नेत्री को सिरे से खारिज कर चुनाव में बुरी तरह से हरा दिया। 

कैलाश यादव ने कहा कि बीजेपी आदिवासी विरोधी पार्टी है। झारखंड निर्माण के बाद इनके हित के लिए आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। आदिवासी नेताओं का सम्मान नहीं है क्योंकि भाजपाई कहते कुछ हैं और करते ठीक उसके उलट हैं। चंपाई सोरेन को अनुभव होना चाहिए और विगत 3 महीने बीते लोकसभा चुनाव में आदिवासी के 5 लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी हार गए थे। क्योंकि राज्य में आदिवासी पिछड़ा, अतिपिछड़े अल्पसंख्यक वर्ग लगभग 90 फीसदी महागठबंधन के विचारधारा और जनहित के सकारात्मक कार्यशैली को आशीर्वाद दे रहे है और आगामी समय में भी ऐसे हीं जनता का समर्थन मिलता रहेगा। 

इसलिए चंपाई सोरेन को सुझाव है कि झामुमो के पुराने नेताओं के बीजेपी में शामिल का अपमान भरा अनुभव को जरूर संज्ञान में लेकर हीं कोई बड़ा कदम उठाने चाहिए क्योंकि झामुमो नेताओं का बीजेपी में शामिल होना राजनीतिक भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं रहा है।