झारखंड में पेसा कानून लागू करने की मांग तेज, आदिवासी मूलवासी हितों की रक्षा के लिए अतिशीघ्र लागू करने का आग्रह: जदयू 

Jharkhand Desk: लोकभवन में राज्यपाल से मुलाकात के दौरान प्रदेश जदयू के नेताओं के द्वारा सात सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. जदयू द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में आदिवासी मूलवासी के हितों की रक्षा करते हुए राज्य में पेसा कानून लागू करने, राज्य में निरंतर गिरती कानून व्यवस्था चिंताजनक है, इसपर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की गयी...
 

Jharkhand Desk: झारखंड में पेसा कानून लागू करने की मांग तेज हो गई है. इस संदर्भ में आज शनिवार को प्रदेश जदयू के एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की. इस प्रतिनिधिमंडल ने आदिवासी मूलवासी हितों की रक्षा के लिए इसे अतिशीघ्र लागू करने का आग्रह राज्यपाल से किया.

पूर्व मंत्री और जदयू नेता गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर के नेतृत्व में लोकभवन पहुंचा जदयू शिष्टमंडल ने इस मौके पर राज्यपाल को मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा. इस शिष्टमंडल में जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. आफताब जमील, प्रदेश महासचिव भगवान सिंह और प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार शामिल रहे.

लोकभवन में राज्यपाल से मुलाकात के दौरान प्रदेश जदयू के नेताओं के द्वारा सात सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. जदयू द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में आदिवासी मूलवासी के हितों की रक्षा करते हुए राज्य में पेसा कानून लागू करने, राज्य में निरंतर गिरती कानून व्यवस्था चिंताजनक है, इसपर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की गयी.

इसके साथ ही पिछले पंद्रह वर्षों में तमाड़ प्रखंड के कैनाल क्षेत्र की सड़कों के निर्माण के लिए तीन बार शिलान्यास किया गया पर सड़क नहीं बनी इसका निर्माण अविलम्ब कराने, प्रशासन के सहयोग से पूरे राज्य में डीयर बंगाल, डीयर हूगली एवं अन्य नामों की अवैध लॉटरी के कारोबार पर पाबंदी लगाने की मांग की है.

इसके अलावा इस मांग पत्र में न्यायलय द्वारा रोक लगाने के बावजूद राज्य भर में बालू का अवैध कारोबार होने पर रोक लगाने, चार पंचायतों चुरगी, बारूहातु, तैमारा और गाबेड़ेया में मुंडा जनजाति के खतियानों को ऑन लाइन करने में जो त्रुटियां हुई है. उसमें सुधार करने और लोहार/लोहरा समुदाय के सदस्यों को नोटिफिकेशन में वर्णित नियमों के अनुसार अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत कराने की पहल करने का आग्रह किया गया है.