'हिम्मत न हार, फकीरा चल-चला-चल'...जमशेदपुर के कैलाश बड़े-बड़ों के लिए मोटिवेशन, रुला देगी संघर्ष की दास्तान!
 

Jharkhand Desk: साइकिल की टक्कर ट्रक से हो गई. इस हादसे में उनका दायां हाथ हमेशा के लिए चला गया. यह दर्दनाक घटना उनकी जिंदगी को अंधेरे में धकेल गई. करीब दो साल तक वह घर पर ही रहे और हर दिन इस सोच में डूबे रहते कि अब भविष्य किस दिशा में जाएगा.
 
साइकिल की टक्कर ट्रक से हो गई. इस हादसे में उनका दायां हाथ हमेशा के लिए चला गया. यह दर्दनाक घटना उनकी जिंदगी को अंधेरे में धकेल गई. करीब दो साल तक वह घर पर ही रहे और हर दिन इस सोच में डूबे रहते कि अब भविष्य किस दिशा में जाएगा.

Motivational Story: हिम्मत न हार, फकीरा चल-चला-चल. यह सूक्ति हिम्मत ही बढ़ाएगी. हर आती-जाती श्वांस में साहस की एनर्जी भरते रहो. मन को मरने मत दो. सपनों को छोटा न होने दो. हिम्मत आनेने लगेगी. शून्य से शिखर पर पहुंचने वाले ज्यादातर सामान्य, साधारण इंसान ही होते हैं. दर्द सहकर जन्म लेता, जो दर्द सहकर आगे बढ़ता है वहीं असली पराक्रमी और योद्धा है. असली हीरो वो है. यह कहानी एक आम इंसान की असाधारण हिम्मत और जज़्बे की है, जिसने अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर जीवन का नया रास्ता चुना. कहते हैं कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती. जमशेदपुर के कैलाश इस कहावत को अपनी जिंदगी से सच साबित करते हैं. करीब 25 साल पहले कैलाश कपड़े बेचकर अपना गुजारा करते थे. वह साइकिल से गांव-गांव जाकर कपड़े पहुंचाते थे. लेकिन किस्मत ने अचानक करवट ली.

हादसे में खोया हाथ
एक दिन हाईवे पर उनकी साइकिल की टक्कर ट्रक से हो गई. इस हादसे में उनका दायां हाथ हमेशा के लिए चला गया. यह दर्दनाक घटना उनकी जिंदगी को अंधेरे में धकेल गई. करीब दो साल तक वह घर पर ही रहे और हर दिन इस सोच में डूबे रहते कि अब भविष्य किस दिशा में जाएगा.

हार नहीं मानी
लेकिन कैलाश ने हार नहीं मानी. उन्होंने ठान लिया कि जिंदगी ऐसे नहीं रुक सकती. इलाज करवाने के बाद उन्होंने ठेले पर मिठाई बेचने का काम शुरू किया. एक हाथ से ठेला चलाना आसान नहीं था, लेकिन उनके हौसले और मेहनत ने असंभव को संभव कर दिखाया. उनकी पत्नी ने उनका पूरा साथ दिया. मिठाई बनाने से लेकर बेचने तक का काम दोनों मिलकर एक साथ करते हैं.

परिवार का पोषण भली प्रकार
कैलाश बताते हैं कि उनका ठेला जमशेदपुर के साकची बाजार में घूमता है. यहां वह घर पर बनी मिठाई बेचते हैं, जिसे लोग बेहद पसंद करते हैं. उनकी मेहनत का नतीजा है कि आज वह अपने परिवार का सही ढंग से भरण-पोषण कर पा रहे हैं. उन्होंने शादी की, उनके दो बच्चे हैं और दोनों बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं. कैलाश का मानना है कि जिंदगी एक बार मिलती है और इसे किसी के आगे हाथ फैलाकर नहीं जीना चाहिए.

साफ है उनका संदेश
उनका संदेश है कि हालात चाहे जैसे भी हों, इंसान को मेहनत करनी चाहिए. उनके अनुसार मेहनत से कमाई गई रोटी में जो सुकून है, वह किसी भी और तरीके से नहीं मिल सकता. कैलाश की यह कहानी सिर्फ प्रेरणा ही नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए सबक है जो खुद को हालात के आगे कमजोर मान लेते हैं. उन्होंने साबित कर दिया कि सच्ची लगन और ईमानदार मेहनत से कोई भी कठिनाई हार नहीं मानवा सकती.