झारखण्ड में पहला दो दिवसीय राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन का आयोजन

 

झारखंड की राजधानी रांची में दो दिवसीय राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान झालसा की सदस्य सचिव रंजना अस्थाना ने "कार्यस्थल पर महिला पुलिस पदाधिकारियों की सुरक्षा एवं महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध" विषय पर बोलते हुए कहा कि महिला पुलिस की भूमिका बहुत अहम है। उक्त विषय उन्होंने निम्न जानकारी दी -

कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून और नीतियां बनाई गई हैं, जैसे कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013। यह अधिनियम महिलाओं को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया है और इसमें शिकायत दर्ज करने और निवारण की प्रक्रिया भी शामिल है। महिला या उनकी ओर से अधिकृत कोई भी व्यक्ति यौन उत्पीड़न की लिखित शिकायत दर्ज करा सकता है। यदि संगठन में दस से अधिक कर्मचारी हैं, तो शिकायत आंतरिक समिति (आईसी) के समक्ष दर्ज की जानी चाहिए। यदि संगठन में दस से कम कर्मचारी हैं या किसी अन्य वैध कारण से, शिकायत जिला अधिकारी द्वारा गठित स्थानीय समिति (एलसी) के समक्ष दर्ज की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि यौन उत्पीड़न की घटना की तारीख से तीन महीने के भीतर या अंतिम घटना के तीन महीने के भीतर शिकायत दर्ज की जानी चाहिए। इसी प्रकार समिति को शिकायत प्राप्त होने की तिथि से 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होती है। हालांकि, यदि वैध कारण हैं, तो समय सीमा को अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है, जो 90 दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिनियम में यह प्रावधान है कि जांच की कार्यवाही तथा इसमें शामिल पक्षों की पहचान गोपनीय रखी जानी चाहिए। 

कार्यक्रम में शामिल पुलिस अधिकारियों को उन्होंने कहा कि आप अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें। इसके साथ ही, हमें अपने आत्म-सम्मान और आत्म-रक्षा के प्रति भी सजग रहना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार का शोषण और अत्याचार हम तक न पहुंचे। उन्होंने कहा महिलाओं की सुरक्षा के लिए शक्ति ऐप, टोल फ्री नंबर 15100 है जो 24 घंटे कार्यस्थल पर हो रही किसी भी परेशानी के लिए कानूनी सलाह उपलब्ध कराता है।

साथ ही इस अवसर पर यूनिसेफ की वक्ता, डॉ० वंदिता एवं डॉ० अनामिका ने  "जीवन के मुख्य आधार स्वास्थ्य एवं पोषण" विषय पर संयुक्त अभिभाषण दिया।