'7वें राष्ट्रीय पोषण समारोह' के समापन समारोह में सम्मिलित हुये राज्यपाल 

 

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज शौर्य सभागार, जैप-1 परिसर, डोरंडा, राँची में आयोजित '7वें राष्ट्रीय पोषण माह' के समापन समारोह में कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह का उद्देश्य केवल जागरूकता बढ़ाना तक ही नहीं है, इसे एक जन आंदोलन का रूप देना है। कुपोषण के खिलाफ इस सामूहिक प्रयास से यह सुनिश्चित हों कि हर व्यक्ति, विशेषकर महिलाएं और बच्चे सही पोषण प्राप्त करें, ताकि एक सशक्त और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण हो सके। राज्यपाल ने उन सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों और संस्थाओं को बधाई दी, जिन्होंने ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के दौरान जनमानस को जागरूक करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि एक सशक्त भारत के निर्माण के लिए हर बच्चे और हर माँ को सही पोषण मिलना अत्यंत आवश्यक है। भारत सरकार की पोषण योजना (POSHAN) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष ‘राष्ट्रीय पोषण माह 2024’ का थीम – एनीमिया, विकास निगरानी, पूरक आहार, "पोषण भी पढ़ाई भी", बेहतर प्रशासन हेतु प्रौद्योगिकी और "एक पेड़ माँ के नाम" जैसे विषयों पर केंद्रित रहा। राज्यपाल ने कहा कि इन विषयों के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को और अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोषण केवल शारीरिक स्वास्थ्य का नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास का भी आधार है। 
    
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प और दूरदर्शी सोच के कारण पोषण योजनाओं को घर-घर तक पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने पोषण को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया, ताकि हर नागरिक इस अभियान का हिस्सा बने और देश को कुपोषण से मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस कार्य में आँगनबाड़ीकर्मियों की अहम भूमिका है।
    
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के ‘Eat Local, Think Global’ के आह्वान का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों से मोटा अनाज, शाक-सब्जियाँ और सहजन जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये न केवल पोषण को बढ़ावा देते हैं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी बेहतर है। राज्यपाल ने लोगों से स्थानीय खाद्य पदार्थों को अपने आहार का हिस्सा बनाने और पोषण जागरूकता के प्रसार पर जोर दिया। 
    
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने विगत दिनों राज्य के विभिन्न जिलों के भ्रमण के क्रम में कई आंगनबाड़ी केंद्रों का अवलोकन किया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संवाद भी किया तथा बच्चों को सुलभ कराये जा रहे पोषण एवं शिक्षा सुविधा की जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल ने कुपोषण के खिलाफ इस अभियान को एक सतत प्रक्रिया बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह जागरुकता अभियान केवल एक माह तक सीमित न रहे, बल्कि इसे निरंतर चलता रहे ताकि देश के हर कोने में पोषण की सही जानकारी और संसाधन पहुँचें और कुपोषण की समस्या का जड़ से उन्मूलन हो सके।
    
राज्यपाल द्वारा उक्त समारोह में कई 'सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र' का उद्घाटन किया गया। उनके द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संवाद भी किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा समारोह में बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार भी किया गया। साथ ही, धात्री महिलाओं का गोद भराई संस्कार भी संपन्न हुआ, जिसमें महिलाओं को संतान के सुरक्षित आगमन और उनके स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद दिया गया।
    
उक्त समारोह में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, अनिल मालिक, मनोज कुमार समेत केंद्र एवं राज्य सरकार के कई अधिकारीगण तथा आंगनबाड़ी कर्मीगण उपस्थित थे। वहीं इससे पूर्व, राज्यपाल ने जैप-1 परिसर में लगे विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया।