वर्दी भत्ता में अनियमितता पर सरकार सख्त, अधिक भुगतान की राशि होगी समायोजित

 

राज्य सरकार ने वर्दी भत्ता के वितरण में हो रही अनियमितताओं को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। वित्त विभाग ने इस संबंध में राज्य के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिवों और विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि राज्य के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों और चालकों को वर्दी खरीदने हेतु तय की गई राशि 5000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। हालांकि कई मामलों में यह देखा गया है कि संबंधित कर्मचारियों को 6250 रुपये तक का भुगतान किया गया है, जो कि नियमों के विपरीत है।

वित्त विभाग ने क्या कहा?
जारी आदेश में कहा गया है कि वर्दी की सामग्री, उसकी सिलाई तथा गर्मी और सर्दी दोनों मौसमों के लिए निर्धारित भत्ता प्रत्येक वर्ष जनवरी के वेतन के साथ सिर्फ 5000 रुपये दिया जाना है। इससे अधिक राशि का भुगतान वित्तीय नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

अतिरिक्त भुगतान की राशि होगी समायोजित
फाइनेंस डिपार्टमेंट ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन कर्मचारियों को तय सीमा से अधिक राशि दी गई है, उनके अगले वर्ष के वर्दी भत्ता से उस अतिरिक्त राशि की कटौती की जाएगी। यानी, 5000 रुपये से अधिक दिया गया पैसा जनवरी में मिलने वाले अगले वर्दी भत्ता से समायोजित किया जाएगा।

सरकार का यह कदम सरकारी खर्चों में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे वर्दी भत्ता के भुगतान में नियमों का सख्ती से पालन करें।