मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही एक्शन मोड में दिखे हेमंत सोरेन, कई अहम फैसलों पर लगी मुहर 

 
झारखंड में 9 से 12 दिसंबर तक विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र की अध्यक्षता के लिए अनुभवी राजनेता स्टेफन मरांडी को प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। यह सत्र राज्य के विकास और प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
बताते चलें कि प्रशासनिक फेरबदल के तहत मंजूनाथ भजनत्री को रांची का नया उपायुक्त नियुक्त किया गया है। वर्तमान उपायुक्त वरुण रंजन को जुदवा स्थानांतरित कर दिया गया है। मंजूनाथ, जो अपनी कुशल कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं, अब रांची में बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों को नई दिशा देंगे।
साथ ही आईएएस अधिकारी अविनाश कुमार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। अविनाश कुमार अपनी प्रशासनिक दक्षता के लिए जाने जाते हैं। उनकी नियुक्ति से मुख्यमंत्री कार्यालय में नीतियों के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अग्निवीर अर्जुन महतो के परिवार को 10 लाख रुपये का चेक सौंपा। अर्जुन महतो ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। मुख्यमंत्री ने उनकी शहादत को सलाम करते हुए कहा कि सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।
अर्जुन महतो के परिवार ने इस मदद को नई शुरुआत के रूप में स्वीकार किया। इस सम्मान ने न केवल उनके बलिदान को मान्यता दी, बल्कि झारखंड की वीर परंपरा को भी मजबूती दी है।
साथ ही झारखंड सरकार ने असम में रह रहे झारखंडी आदिवासियों की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की है कि झारखंड से अधिकारियों की एक टीम असम जाएगी, जहां वे आदिवासी समुदाय के हालात और समस्याओं का अध्ययन करेंगे।
सीएम सोरेन ने कहा कि असम में बसे आदिवासी झारखंड के महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी संस्कृति, परंपराएं और जीवनशैली झारखंड की पहचान का अभिन्न अंग हैं। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इन लोगों की मूलभूत जरूरतें पूरी हों और वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
असम के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले आदिवासियों की समस्याएं लंबे समय से अनसुनी हैं। भूमि अधिकार, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। इस टीम का उद्देश्य इन समस्याओं को समझकर समाधान के लिए रोडमैप तैयार करना है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस पहल को एक दूरदर्शी कदम के रूप में देखा जा रहा है। झारखंड सरकार का यह प्रयास राज्य और प्रवासी आदिवासियों के बीच संबंधों को मजबूत करने के साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
वहीं मंईयां सम्मान योजना के अन्तर्गत लाभुकों को माह दिसम्बर, 2024 से ₹2500/- प्रतिमाह का भुगतान किया जाएगा। ₹1,36,000 करोड़ जो केन्द्र सरकार/केन्द्रीय उपक्रम पर बकाया है, उसकी वसूली के लिए विधिक कार्रवाई प्रारम्भ होगी।