बोकारो स्टील सिटी के विकास पर उच्चस्तरीय बैठक, मुख्य सचिव ने स्थानीय भावना का सम्मान करते हुए समन्वयात्मक समाधान पर दिया जोर
झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बोकारो स्टील प्लांट से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सभी समस्याओं का समाधान पारदर्शिता और स्थानीय जनता की भागीदारी से किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बोकारो के लोगों को यह नहीं लगना चाहिए कि वे विकास की दौड़ में पीछे छूट रहे हैं, इसलिए जरूरी है कि उनकी भावनाओं और अपेक्षाओं को समझा जाए और मानवीय दृष्टिकोण से संवाद स्थापित किया जाए।
अलका तिवारी ने यह भी कहा कि सेल द्वारा युवाओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण का लाभ उन्हें रोजगार दिलाकर ही सार्थक होगा। साथ ही, स्थानीय मुद्दों का समाधान जिला और प्लांट प्रशासन के बीच समन्वय से हो, इस पर जोर दिया गया। यह बैठक सोमवार को सेल चेयरमैन अमरेंद्र प्रकाश, विभिन्न विभागों के सचिवों और बोकारो जिला प्रशासन की उपस्थिति में हुई थी।
पुनर्वास और पंचायत पुनर्गठन पर गंभीर मंथन
बैठक में विस्थापन और पुनर्वास से जुड़ी समस्याएं मुख्य एजेंडे में थीं। चर्चा के दौरान यह तय किया गया कि आपसी सहयोग और पारदर्शिता के साथ इस जटिल मुद्दे को सुलझाया जाएगा। बोकारो के उपायुक्त अजय नाथ झा ने जानकारी दी कि चास प्रखंड की 9 पंचायतों के पुनर्गठन का प्रस्ताव जिला पंचायत राज विभाग ने तैयार किया है, ताकि विस्थापित गांवों के लोगों को बुनियादी अधिकार मिल सकें। लेकिन, इस दिशा में सेल की सहमति अब तक नहीं मिल सकी है।
सेल चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि कंपनी का उद्देश्य किसी को विस्थापित करना नहीं है। जिन क्षेत्रों में अधिग्रहण के बावजूद भविष्य में प्लांट का कोई विस्तार संभव नहीं है, वहां प्रशासन सरकारी मकान बनाकर पुनर्वास कर सकता है। इस पर मुख्य सचिव ने उपायुक्त को कार्यवाही तेज करने का निर्देश दिया।
अप्रयुक्त वन भूमि का सीमांकन जल्द हो
बैठक में बोकारो स्टील प्लांट की 756.94 एकड़ अप्रयुक्त वन भूमि को वन विभाग को लौटाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। हालांकि सेल इस पर सहमति दे चुका है, लेकिन अब तक जमीन का सीमांकन नहीं हो पाया है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सेल और वन विभाग मिलकर संयुक्त टीम बनाएं और पहले भूमि की सीमा निर्धारण (सीमांकन) करें। इसके बाद वन विभाग पिलरिंग कर सकेगा। वन सचिव अबू बक्कर सिद्दीख ने शर्त रखी कि खर्च सेल उठाए, जिस पर सेल ने सहमति जताई।
अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और गरगा डैम पर भी चर्चा
बैठक में अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में आ रही समस्याओं पर भी चर्चा हुई और राजस्व सचिव के सहयोग से समाधान निकालने का निर्देश दिया गया। साथ ही गरगा डैम की मरम्मत और वहां पर्यटन विकास की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।
बोकारो को देश के टॉप टेन शहरों में शामिल करने की योजना
मुख्य सचिव ने कहा कि सेल के 13 शहरों में से तीन पहले से टॉप टेन में हैं, ऐसे में बोकारो स्टील सिटी को भी उस श्रेणी में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उपायुक्त ने बोकारो को देश का "टॉप वन सिटी" बनाने का रोडमैप बैठक में प्रस्तुत किया, जिसे सेल चेयरमैन ने पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
अतिक्रमण व रोजगार भी बड़ी चुनौतियां
अमरेंद्र प्रकाश ने बताया कि बोकारो की 1932 एकड़ जमीन अतिक्रमण की चपेट में है, जो एक बड़ी समस्या बनी हुई है। उन्होंने भरोसा दिया कि शहर के सुव्यवस्थित विकास के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि 20,000 करोड़ रुपए के प्रस्तावित विस्तारीकरण से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। एक व्यक्ति को नौकरी मिलने पर कम से कम सात अन्य लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा हुई और उनके क्रियान्वयन की दिशा में निर्णय लिए गए।