झारखंड कैबिनेट की मंजूरी..PESA कानून की नियमावली को मंजूरी मिलने से राज्य के जनजातीय स्वशासन को मिलेगी नई दिशा
Ranchi: झारखंड सरकार ने पेसा (PESA) कानून की नियमावली को मंजूरी देकर राज्य के जनजातीय स्वशासन को नई दिशा दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसके बाद ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह से मुलाकात कर उन्हें सराहना और बधाई दी गई.
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि 29 वर्षों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सपना साकार हुआ है. उन्होंने कहा कि व्यापक जन-विमर्श और निरंतर अध्ययन के बाद लिया गया यह निर्णय सुनिश्चित करेगा कि पेसा कानून अब कागजों में नहीं, बल्कि ग्राम सभाओं में जीवंत रूप में लागू हो.
राजेश ठाकुर ने कहा कि यह फैसला अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन को मजबूती देने और आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों को धरातल पर उतारने का ठोस कदम है. झारखंड के 25वें स्थापना वर्ष में यह निर्णय राज्य की लोकतांत्रिक यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है.
उन्होंने स्वर्गीय बंदी उरांव को विशेष रूप से याद करते हुए कहा कि पेसा कानून की नींव मजबूत करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है. पूर्व IPS अधिकारी और सिसई से कई बार विधायक रहे बंदी उरांव ने अपनी दूरदर्शिता और समर्पण से इस कानून को आकार देने में अहम भूमिका निभाई थी.
राजेश ठाकुर ने स्पष्ट किया कि पेसा बांटने का नहीं, बल्कि ग्राम सभा को मजबूत कर सहभागी लोकतंत्र स्थापित करने का कानून है. उन्होंने कहा कि ग्राम सभा के सामूहिक निर्णयों का सम्मान हर सरकार को करना होगा. इस अवसर पर झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि भूषण राय ने भी बधाई देते हुए कहा कि आज झारखंड के इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण दिन है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री दीपिका पांडे सिंह और कैबिनेट के सभी सदस्यों को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद दिया.