नीट पेपर लीक मामले में झारखंड का अहम किरदार, सीबीआई की जांच में खुलासा

 

नीट पेपर लीक मामले में एनटीए ने हलफनामा दायर कर दिया है। सीबीआई इस मामले की सभी कड़ियों को जोड़कर जांच कर रही है और झारखंड को केंद्र मानकर जांच आगे बढ़ा रही है। अब तक दो अहम पहलू सामने आए हैं। पहले, सीबीआई ने झारखंड सरकार से रांची के दो थानों में दर्ज मामले को अपने पास ट्रांसफर करने को कहा है। दूसरे, रांची के अरसंडे के निवासी अवधेश कुमार की गिरफ्तारी हुई है।

जांच एजेंसी की चिट्ठी
दिल्ली सीबीआई के अपर निदेशक ने झारखंड सरकार को चिट्ठी लिखी है, जिसमें रांची के धुर्वा और जगरनाथपुर थानों में दर्ज मामलों को सीबीआई को सौंपने की बात कही गई है। ये एफआईआर 5 मई को दर्ज हुई थीं। राज्य सरकार को चिट्ठी भेजे जाने के बाद, दोनों मामलों की फाइल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गई है और सोमवार तक इन्हें सीबीआई को सौंपे जाने की संभावना है। 

दोनों मामलों का विवरण

धुर्वा थाना: डीएवी पब्लिक स्कूल की प्राचार्य कंचन सिंह ने शिकायत दर्ज कराई कि दरभंगा के शाहिद अनवर की जगह सुमित कुमार परीक्षा दे रहा था। इसके तहत आईपीसी की विभिन्न धाराओं और झारखंड परीक्षा संचालन अधिनियम 2023 के तहत मामला दर्ज किया गया।

जगन्नाथपुर थाना: डीपीएस के हेड मास्टर सारथी चंद ने शिकायत दर्ज कराई कि आशीष पाणिग्रही और विवेकानंद ने दूसरों की जगह परीक्षा दी। उनके खिलाफ भी आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

अवधेश कुमार और सिकंदर का कनेक्शन
जांच में यह सामने आया कि अवधेश कुमार ने अपने बेटे अभिषेक के लिए सिकंदर को 2023 की नीट परीक्षा के लिए दो ब्लैंक चेक दिए थे। अभिषेक के असफल होने पर यह सौदा 2024 की परीक्षा के लिए ट्रांसफर कर दिया गया।

झारखंड में नीट पेपर लीक का बड़ा कनेक्शन
सीबीआई की टीम ने हजारीबाग में व्यापक जांच की, जिसमें ओएसिस स्कूल, ब्लू डार्ट कूरियर का ऑफिस और एसबीआई शामिल थे। तीन दिनों की जांच के बाद, ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज, और पत्रकार जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया। सीबीआई का मानना है कि ये लोग पेपर लीक के मुख्य कर्ताधर्ता हैं।