झारखंड शराब घोटाला मामले में आरोपी गजेंद्र सिंह को ACB कोर्ट से सशर्त जमानत, जानें
झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष अदालत से राहत मिली है। विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत ने 14 जुलाई को गजेंद्र सिंह को सशर्त जमानत दे दी। करीब दो महीने जेल में बिताने के बाद अब वे जेल से बाहर आ चुके हैं, हालांकि ACB की जांच अभी भी जारी है।
कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि केस डायरी में उपलब्ध तथ्यों के आधार पर गजेंद्र सिंह की संलिप्तता को साबित करने के लिए एजेंसी के पास फिलहाल कोई ठोस और प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं हैं। इसी आधार पर अदालत ने उन्हें जमानत प्रदान की।
अभियोजन पक्ष ने जताई आपत्ति, कोर्ट ने की अनदेखी
ACB के विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट में जोरदार दलीलें पेश करते हुए कहा कि गजेंद्र सिंह शराब घोटाले में शामिल थे और इस पूरे मामले से राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। बावजूद इसके अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को दरकिनार करते हुए गजेंद्र सिंह को बेल दे दी।
कोर्ट की सख्त शर्तें: जांच में सहयोग अनिवार्य
जमानत देते हुए अदालत ने गजेंद्र सिंह के लिए कुछ सख्त शर्तें भी निर्धारित की हैं:
- वे ACB की जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे और जब भी बुलाया जाएगा, उपस्थित होंगे।
- बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर नहीं जाएंगे।
- अपना स्थायी पता या मोबाइल नंबर बिना सूचना के नहीं बदलेंगे।
- उन्हें 20-20 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने होंगे।
20 मई को हुई थी गिरफ्तारी
ACB ने गजेंद्र सिंह को 20 मई को गिरफ्तार किया था और तभी से वे न्यायिक हिरासत में थे। इस घोटाले में अब तक कई अहम लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें शामिल हैं:
IAS विनय कुमार चौबे, JSBCL के वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, पूर्व GM सुधीर कुमार, प्लेसमेंट एजेंसी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह, पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश, छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया, प्रिज्म होलोग्राफी के एमडी विधु गुप्ता, ओम साईं बेवरेजेज के अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा।