झारखंड में भूमि सुधार कानून में बड़ा संशोधन प्रस्तावित, एलआरडीसी को मिलेगा म्यूटेशन और दोहरी जमाबंदी रद्द करने का अधिकार
झारखंड सरकार जल्द ही भूमि सुधार से जुड़े कानूनों में अहम बदलाव करने जा रही है। इस बदलाव के तहत अवैध म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) और दोहरी जमाबंदी को निरस्त करने का अधिकार अब भूमि उपसमाहर्ता (LRDC) को सौंपा जाएगा। फिलहाल यह अधिकार केवल सिविल न्यायालयों के पास है।
इस विधायी संशोधन को लागू करने के उद्देश्य से आगामी 1 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में एक प्रस्तावित विधेयक पेश किया जाएगा। राजस्व, भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग ने बिहार भूमि सुधार अधिनियम, 1973 के प्रावधानों में संशोधन का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे विधि विभाग ने भी मंजूरी दे दी है।
इस समय म्यूटेशन और जमाबंदी कराने की शक्तियां तो अंचल अधिकारियों के पास हैं, लेकिन इन्हें रद्द करने का अधिकार राज्य के किसी भी राजस्व न्यायालय — जैसे कि एलआरडीसी, अपर समाहर्ता, उपायुक्त (DC) या प्रमंडलीय आयुक्त — को नहीं है।
संशोधित व्यवस्था लागू होने के बाद अगर किसी म्यूटेशन या दोहरी जमाबंदी को लेकर विवाद होता है, तो सबसे पहले वह मामला संबंधित एलआरडीसी कोर्ट में जाएगा। सुनवाई के बाद एलआरडीसी यह तय कर सकेंगे कि म्यूटेशन या जमाबंदी वैध है या नहीं, और यदि अवैध पाया गया तो उसे रद्द करने का आदेश भी दे सकेंगे।