झारखंड में पहली बार शुरू होगी 'पर्यटन परियोजना', आज होगा MoU पर हस्ताक्षर
झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बनने की राह पर है, जहां खनन क्षेत्रों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस सिलसिले में सोमवार को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन के सभागार में झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDCL) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होंगे। इस कार्यक्रम में राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार विशेष रूप से मौजूद रहेंगे, साथ ही पर्यटन, खनन और अन्य सरकारी विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
इस आयोजन के दौरान विषय आधारित पर्यटन (थीम टूरिज्म) और पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन (सतत पर्यटन) को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री की पर्यटन नीति को मिल रहा नया विस्तार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर्यटन को राज्य के आर्थिक विकास और युवाओं के लिए रोजगार सृजन का एक प्रमुख साधन मानते हैं। उनका मानना है कि झारखंड में कई ऐसे स्थान हैं जो अब तक पर्यटकों की नजर से दूर रहे हैं। राज्य सरकार की कोशिश है कि इन अनछुए स्थलों को विकसित कर उन्हें पर्यटन मानचित्र पर लाया जाए। खनन पर्यटन को लेकर मुख्यमंत्री पहले ही अधिकारियों को एक सुव्यवस्थित योजना तैयार करने का निर्देश दे चुके हैं।
खनन पर्यटन से क्या मिलेंगे लाभ?
राज्य सरकार का मानना है कि यह परियोजना झारखंड की खनिज संपदा को पर्यटकों के लिए एक ज्ञानवर्धक और रोमांचकारी अनुभव में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत पर्यटक कोयला खदानों और अन्य खनन क्षेत्रों में जाकर उनके भूगोल, तकनीक और इतिहास को प्रत्यक्ष रूप से समझ सकेंगे।
यह परियोजना न केवल झारखंड को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगी, बल्कि देशभर में खनन पर्यटन की संभावनाओं को भी रेखांकित करेगी। साथ ही, अन्य राज्यों को भी इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी।