ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में झारखंड की बड़ी उपलब्धि, झार जल योजना के लिये सम्मानित किये गये डॉ मनीष रंजन
मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित 27वें नेशनल अवॉर्ड फॉर ई-गवर्नेंस 2024 में झारखंड की झार जल योजना को विशेष सम्मान मिला। तत्कालीन पेयजल एवं स्वच्छता सचिव डॉ. मनीष रंजन को इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. मनीष रंजन ने योजना से संबंधित पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया, जिसे भारत सरकार ने सराहा और इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
क्या है झार जल योजना?
झार जल योजना एक रियल-टाइम वेब आधारित जीआईएस सक्षम मल्टी-मॉडल नागरिक केंद्रित शिकायत निवारण और सेवा वितरण प्रणाली है। इस योजना की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. रियल-टाइम शिकायत मॉनिटरिंग: शिकायतें तुरंत मॉनिटर की जाती हैं और संबंधित अधिकारियों को अलर्ट भेजे जाते हैं। शिकायतकर्ता को पूरी प्रक्रिया की जानकारी मिलती रहती है।
2. जीआईएस मैपिंग: हैंडपंप और जल स्रोतों को जीआईएस पर मैप किया गया है, जिससे प्रतिक्रिया समय में कमी आती है और योजना प्रक्रिया कुशल हो जाती है।
3. कागज रहित प्रक्रिया: यह पूरी प्रणाली डिजिटल है, जिससे नौकरशाही बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
4. सेंट्रलाइज्ड डेटा बेस: राज्य, जिला, उपमंडल और पंचायत स्तर पर केंद्रीकृत डैशबोर्ड से सभी डाटा का प्रबंधन किया जाता है।
5. डेटा एनालिटिक्स: यह प्रणाली निर्णय समर्थन के लिए ग्राफिकल रिपोर्ट तैयार करती है।
6. सुविधाजनक सेवा: इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को परेशानी मुक्त सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करना है।
7. सूचना एवं संचार: सूचना शिक्षा और संचार को इस योजना के माध्यम से प्रभावी रूप से लागू किया गया है।
8. अभिसरण: संचालन और रखरखाव के लिए संसाधनों का सही आवंटन सुनिश्चित किया गया है, और अन्य विभागों के साथ अभिसरण को भी बढ़ावा दिया गया है।
9. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई): नवीनतम एआई तकनीक का उपयोग योजना के विभिन्न कार्यों में किया जा रहा है।
कैसे होता है चयन ?
भारत सरकार की एक टीम, जिसमें उप सचिव और अवर सचिव रैंक के अधिकारी शामिल होते हैं, राज्य में बिना पूर्व सूचना के दौरा करते हैं। वे संबंधित योजनाओं का निरीक्षण करते हैं और जमीनी स्तर पर उनकी प्रगति का आकलन करते हैं। झार जल योजना के चयन से पहले टीम ने बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग और पलामू सहित कई क्षेत्रों का दौरा किया और संतुष्ट होने के बाद योजना को चयनित करने की सिफारिश की। बताते चलें कि इस अवसर पर डॉ. मनीष रंजन के साथ उनकी टीम से नेहा अरोड़ा, राजीव रंजन कुमार और पशुपतिनाथ मिश्रा भी उपस्थित थे। झार जल योजना को न केवल झारखंड में बल्कि पूरे देश में एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।