बिहार में JMM को एक भी सीट नहीं, क्या झारखंड में दिखेगा असर? बिहार चुनाव में सीएम हेमंत सोरेन नहीं करेंगे प्रचार!

Jharkhand Desk: JMM ने RJD पर 'राजनीतिक धूर्तता' का आरोप लगाया और कांग्रेस को भी गठबंधन धर्म न निभाने का दोषी ठहराया. अब खबर आ रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के अंदर सीटें नहीं मिलने से नाराज झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सह राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार से दूर रहेंगे.
 

Jharkhand Desk: बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ गई है, जिसका सीधा असर झारखंड में हेमंत सोरेन की गठबंधन सरकार पर पड़ने के आसार हैं. JMM ने RJD पर 'राजनीतिक धूर्तता' का आरोप लगाया और कांग्रेस को भी गठबंधन धर्म न निभाने का दोषी ठहराया. अब खबर आ रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के अंदर सीटें नहीं मिलने से नाराज झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सह राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार से दूर रहेंगे. जेएमएम के इस रुख से कहीं ना कहीं झारखंड में महागठबंधन के अंदर जारी विवाद की खाई चौड़ी होती जा रही है.

पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे की मानें तो बिहार में हमें चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं दिया गया. ऐसी स्थिति में वहां महागठबंधन को हमारे स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जरूरत ही नहीं है और ना ही इस संदर्भ में उन्हें कोई आमंत्रण मिला है. अगर जरूरत होगी, परिस्थितियां बनेगी तो हमारे नेता निर्णय लेंगे. लेकिन जहां तक मुझे जानकारी है पार्टी ने अब तक कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया है.अगर हम बिहार में चुनाव ही नहीं लड़ रहे हैं तो चुनाव प्रचार किसका करेंगे.

मनोज पांडे ने कहा कि वहां हम गठबंधन में है ही नहीं हैं. हमें मौका ही नहीं दिया गया तो हम चुनाव प्रचार किसका करेंगे. हम लोग तो महागठबंधन का धर्म निभा रहे हैं और झारखंड में सरकार चल रही है, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है. अगर चुनाव प्रचार के लिए बोला जाएगा तो उस पर हमारे नेता निर्णय लेंगे.

कांग्रेस को सीएम हेमंत से उम्मीद

इधर, प्रदेश कांग्रेस महासचिव आलोक दुबे ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बिहार चुनाव में जरूर स्टार प्रचारक के रूप में जाएंगे. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं के द्वारा उनसे संपर्क किया गया है. उन्होंने महागठबंधन के अंदर कोई नाराजगी नहीं होने का दावा करते हुए ऑल इज वेल की बात कही है.

हेमंत सोरेन करें स्वाभिमान की रक्षा-भाजपा

महागठबंधन के अंदर बढ़ रही खटास पर भारतीय जनता पार्टी नजर बनाए हुए है. पार्टी का मानना है कि बिहार चुनाव के बाद झारखंड में इसका सीधा असर पड़ेगा. ऐसे में भाजपा अभी से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा को नसीहत देने में जुट गई है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह की मानें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को स्वाभिमान की रक्षा करते हुए कांग्रेस और राजद से नाता तोड़ना चाहिए.

उन्होंने कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा को ओवर कॉन्फिडेंस हो गया और राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए उन्होंने सबसे पहले बिहार का रुख किया. उनकी बातों की हवा तब निकल गई जब पहले उन्होंने कहा 25 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, फिर 12 सीटों पर, फिर 6 सीटों पर और अब कहीं से वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

यहां तक कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कांग्रेस और राजद ने बिहार की कोई ऐसी सीटों पर चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं बुलाया, जहां आदिवासियों की अधिक संख्या है. कुल मिलाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास आत्मसम्मान और स्वाभिमान नहीं बचा है. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा से अपील करते हुए कहा है कि अगर आप में जरा सा भी स्वाभिमान बचा है तो राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़ें और कांग्रेस से अपना हिसाब कर यह स्पष्ट संदेश दें कि सत्ता का सुख उनके लिए नीचे है और स्वाभिमान ऊपर है. तब जाकर हम मानेंगे कि आप झारखंड की धरती से हैं, जहां हमेशा आत्मसम्मान बचाने के लिए लोग प्राण भी त्याग देते हैं. वबहरहाल, सियासी बयानों के बीच इतना तो जरूर है कि बिहार चुनाव के बाद झारखंड में भी महागठबंधन के अंदर कुछ बड़ा होगा.