पहली बार विधानसभा में बोलते हुए कल्पना सोरेन की उपेक्षा, सत्ता पक्ष की लापरवाही

 

झारखंड विधानसभा में मंगलवार को गांडेय की विधायक और मुख्यमंत्री की पत्नी, कल्पना सोरेन, ने पहली बार भाषण दिया। विपक्ष हंगामा कर रहा था, और कैमरा कल्पना पर केंद्रित था, जैसे सब जानना चाहते हों कि वह क्या कहेंगी। लेकिन सत्ता पक्ष के विधायक इस बात से बेपरवाह दिखे कि कल्पना का पहला भाषण सुना जाना कितना महत्वपूर्ण है। जैसे ही कल्पना ने तीखे तेवर के साथ बोलना शुरू किया, सत्ता पक्ष के विधायक इधर-उधर घूमने लगे, मानो यह एक सामान्य घटना हो।

कल्पना सोरेन के भाषण को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला
कल्पना सोरेन के इस महत्वपूर्ण भाषण के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की बेरुखी साफ दिखाई दी। विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र महतो ने बार-बार अनुरोध किया कि यह कल्पना का पहला भाषण है, उन्हें बोलने दें, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। खासकर कांग्रेस के विधायकों की बेरुखी निराशाजनक थी। कैमरे के फोकस में होने के बावजूद, सत्ता पक्ष के विधायक बेफिक्र होकर मंडराते दिखे, और कांग्रेस के विधायकों ने गंभीरता का अभाव दिखाया।

कल्पना के भाषण के दौरान कांग्रेस विधायकों की उपेक्षा
लोकसभा चुनाव के दौरान जिस कल्पना सोरेन को सुनने के लिए भीड़ उमड़ती थी, उसी कल्पना को उनके ही गठबंधन के विधायक अनसुना करते नजर आए। सिमडेगा के विधायक भूषण बाड़ा और कोलेबिरा के विधायक विक्सल कोंगाड़ी भी कल्पना के सामने से गुजरते हुए दिखे, बिना ध्यान दिए। यहां तक कि पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख भी कैमरे के सामने से बिना किसी संजीदगी के गुजरते नजर आए। मंत्री इरफान अंसारी ने भी कल्पना के भाषण को गंभीरता से नहीं लिया।

सत्ता पक्ष के विधायकों की अनुशासनहीनता
यह सवाल उठता है कि जिस कल्पना सोरेन ने लोकसभा चुनाव के दौरान अकेले झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनके पहले विधानसभा भाषण को कांग्रेस विधायकों ने जानबूझकर गंभीरता से नहीं लिया या फिर विपक्ष के हंगामे की वजह से ऐसा माहौल बना। सत्ता पक्ष की फ्लोर मैनेजमेंट की लापरवाही भी स्पष्ट रूप से दिखाई दी, जो हैरान करने वाली थी। स्पीकर के आग्रह के बावजूद, कांग्रेस विधायकों ने अनुशासनहीनता का प्रदर्शन किया।