विधानसभा में कल्पना सोरेन का पहला संबोधन, विपक्ष ने किया हंगामा
झारखंड विधानसभा में अपने पहले संबोधन के दौरान कल्पना सोरेन को बीजेपी विधायकों के हंगामे का सामना करना पड़ा। विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार टोकने के बावजूद बीजेपी विधायक शांत नहीं हुए। अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार सदन में बोल रहे विधायक का मनोबल बढ़ाना चाहिए और उनकी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए।
कल्पना सोरेन ने इस शोरगुल के बीच बोलते हुए सबसे पहले गांडेय विधानसभा और सहयोगी दलों का धन्यवाद किया। उन्होंने अनुपूरक बजट पर बात करते हुए कहा कि 31 जनवरी को ईडी ने हमारे आदिवासी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन, हमारे नेता हेमंत सोरेन ने कहा था कि वह और ताकतवर होकर वापस आएंगे और आज वह हमारे बीच मौजूद हैं।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए कल्पना सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार काम के आधार पर वोट मांगेगी, जबकि बीजेपी झूठे वादों के आधार पर वोट मांगती है। उन्होंने कहा कि जब मणिपुर और मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे थे, तब केंद्र सरकार कहां थी? सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब पत्रकारों ने उन्हें बधाई दी, तो उन्होंने कहा कि हेमंत जी को जो पांच महीने जेल में रखा गया, उसका समय कौन लौटाएगा?
उन्होंने विपक्ष से पूछा कि क्या वे झारखंड जनकल्याण योजना और मंईयां कल्याण योजना के खिलाफ हैं? उन्होंने कहा कि महंगाई के इस दौर में महिलाएं अपने बच्चों का पालन-पोषण कैसे करेंगी? हमारी सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जनता के लिए काम किया है, और हम अपने काम के आधार पर वोट मांगेंगे। जनता बीजेपी को अपने वोट से जवाब देगी।