लातेहार : पुलिस के अभियान से नक्सलियों की टूटी कमर, 2 साल में 22 खूंखार नक्सली गिरफ्तार, 13 ने किया सरेंडर

 

लातेहार पुलिस ने पिछले दो वर्षों में जिस तरीके से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया है, उससे नक्सलियों की ताकत कमजोर हो गई है। कई नक्सलियों ने पुलिस के डर से आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि कई को मुठभेड़ों में मार गिराया गया। पुलिस के निरंतर अभियानों के चलते जिले में कभी 200 से 250 नक्सली हुआ करते थे, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर 18 से 20 के बीच रह गई है। वहीं जिले में अब एकमात्र खूंखार नक्सली छोटू खरवार ही बचा है, जिसके संगठन में 10 से 12 नक्सली शामिल हैं। छोटे माओवादी गुटों में रविंद्र गंझू के दस्ते में चार और मनोहर के दस्ते में केवल तीन लोग ही बचे हैं।

नक्सलियों ने बताई अपनी स्थिति
आत्मसमर्पण करने वाले नीरज सिंह खरवार और राजकुमार गंझू ने बताया कि पुलिस के निरंतर अभियानों के कारण बुलबुल जंगल और बुढ़ापहाड़ क्षेत्र नक्सलियों से खाली हो गए हैं। नीरज ने बताया कि छोटू खरवार का दस्ता ही एकमात्र ऐसा है जिसमें कुंदन खरवार, मृत्युंजय भुईयां, मनीष यादव और बब्लू जैसे बड़े कैडर बचे हैं। उन्होंने बताया कि संगठन अब इतना कमजोर हो चुका है कि माओवादी घटनाओं को अंजाम देने से डरते हैं। लेवी वसूलने के बाद वे तुरंत भाग जाते हैं। छोटू खरवार ने अपने दस्ते में तीन से चार युवकों को भी शामिल कराया है और उसके पास अभी भी अत्याधुनिक हथियार हैं। राजकुमार गंझू ने बताया कि संगठन का नीति सिद्धांत पूरी तरह खत्म हो चुका है और अब उनका मुख्य काम केवल लेवी वसूलना रह गया है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि नये सिरे से संगठन बनेगा तो वह फिर से मजबूत होगा।

2 साल में 22 नक्सली गिरफ्तार, 13 ने किया सरेंडर
लातेहार एसपी अंजन अंजन के नेतृत्व में 2022 से 2024 के बीच, दो वर्षों में करीब एक करोड़ के ऊपर 22 ईनामी हाईकोर नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। लोहरदगा और लातेहार सीमा क्षेत्र के बुलबुल पहाड़ में डबल बुल और बूढ़ा पहाड़ में ऑक्टोपस अभियान का असर रहा है कि भाकपा माओवादी के सेंटर कमेटी के सदस्य मिथिलेश महतो उर्फ भिखारी और सौरभ यादव उर्फ मारकुश बाबा को लातेहार पुलिस की मदद से बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इस दौरान 10 लाख ईनामी मुनेश्वर गंझू, चंदन सिंह खरवार, 5 लाख की इनामी शीतल मोची, काजेश गंझू, अधनु गंझू, प्रदीप सिंह चेरो, बालक गंझू, किशोर सिंह, नंदकिशोर उर्फ सुदर्शन भुईयां, नेशनल भुईयां, जेजेएमपी के बीरबल उरांव उर्फ सुशील उरांव, टीएसपीसी के राकेश गंझू उर्फ विराज, एक लाख के ईनामी माओवादी जितेंद्र गंझू, मिथिलेश यादव, कमलेश यादव, नागेंद्र उरांव उर्फ डॉक्टर, गोदम कोरवा, अर्जुन सिंह, टीएसपीसी के सहदेव गंझू उर्फ अभिषेक, जेजेएमपी के सूरज लोहरा को गिरफ्तार किया गया है। 

सरेंडर करने वालों में भाकपा माओवादी के स्पेशल एरिया कमेटी के राधेश्याम यादव, जोनल कमेटी अमन भोक्ता, नवीन यादव, जितेंद्र नगेसिया, लालदेव गंझू उर्फ कल्टू, टीएसपीसी के सब जोनल कमेटी के दशरथ उरांव, अनिल उरांव, जेजेएमपी के कमलेश सिंह खेरवार, सत्येंद्र उरांव, संजय प्रजापति, मनोहर परहिया, दीपक कुमार भुईयां शामिल हैं।

कमजोर हुआ माओवादी संगठन
लातेहार पुलिस अधीक्षक अंजन अंजन बताते हैं कि इन अभियानों के बाद भाकपा माओवादी काफी कमजोर हो गए हैं। कुछ ही नक्सली बचे हैं जो घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां नक्सलियों का कब्जा हो।