लोबिन हेंब्रम ने स्पीकर के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में दी चुनौती, कहा-बोरियो की जनता के साथ विश्वासघात हुआ है 

 

झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र की बोरियो विधानसभा के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम ने 25 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण द्वारा उनकी सदस्यता रद्द किए जाने के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हेंब्रम ने अपनी याचिका में दावा किया है कि यह फैसला विशेष दबाव के चलते लिया गया है और इसे बोरियो की जनता के साथ विश्वासघात के रूप में देखा जाना चाहिए। 

लोबिन हेंब्रम ने कहा कि मानसून सत्र की घोषणा पहले ही हो चुकी थी और वह इस सत्र में अपने क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने वाले थे, जिसके लिए उन्हें स्पीकर से अनुमति भी मिल चुकी थी। लेकिन अचानक, स्पीकर कोर्ट ने सुनवाई के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी, जो पूरी तरह से असंवैधानिक है। हेंब्रम ने आरोप लगाया कि एक ही पार्टी के दो अलग-अलग सदस्यों के लिए अलग-अलग मानदंड अपनाए जा रहे हैं।

उन्होंने विधायक चमरा लिंडा का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी पार्टी के आदेश की अवहेलना करते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि हेंब्रम के मामले में 1995 में और फिर 2024 में चुनाव लड़ने के कारण कार्रवाई की गई। लोबिन हेंब्रम ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी से निष्कासन के लिए केंद्रीय कमेटी की सहमति आवश्यक होती है, जो कि पार्टी आलाकमान ने नहीं ली। उन्होंने इसे भी अपनी याचिका में उठाया है।