संसद का मानसून सत्र: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
मानसून सत्र के पहले दिन संसद की कार्यवाही सोमवार को जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी दलों के जोरदार विरोध के कारण कुछ ही देर में इसे दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। कार्यवाही के रुकने के बाद कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सदन में बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।
"लोकतंत्र तब तक अधूरा, जब तक सभी पक्षों को बोलने का अधिकार न मिले" – राहुल गांधी
सांसद राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार केवल अपने पक्ष के नेताओं को ही वक्तव्य देने का मौका देती है, जबकि विपक्ष की बात सुनी ही नहीं जाती। उन्होंने कहा, "मैं विपक्ष का नेता हूं और मुझे अपने विचार रखने का अधिकार है, लेकिन सरकार मुझे बोलने से रोक रही है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि संसद की परंपरा और लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत सभी दलों को समान रूप से अपनी बात रखने का अवसर मिलना चाहिए।
इस मामले पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सच में पारदर्शिता चाहती है तो उसे विपक्ष की बात सुनने और जरूरी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहना चाहिए। "विपक्ष के नेता को सदन में बोलने से रोका जाना गलत है," उन्होंने कहा।
विपक्ष की प्रमुख मांगें: मणिपुर, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पर चर्चा जरूरी
विपक्षी दलों ने सदन में मणिपुर में चल रही हिंसा, हरियाणा में किसानों के खिलाफ कार्रवाई और जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी घटनाओं जैसे अहम राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस की मांग की है। उनका कहना है कि ये विषय जनहित से जुड़े हैं और इन पर बिना पक्षपात के खुली चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इन संवेदनशील मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।