प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. रमेश शरण का निधन, राज्यभर में शोक की लहर

 

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. रमेश शरण का निधन हो गया है। उन्होंने कोलकाता के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। 69 वर्षीय डॉ. शरण लंग्स इंफेक्शन से पीड़ित थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें पहले रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें एयर एंबुलेंस से कोलकाता ले जाया गया, जहां बीते दिन देर रात उनका इलाज के दौरान निधन हो गया।

डॉ. रमेश शरण का विनोबा भावे विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण योगदान
69 वर्षीय डॉ. रमेश शरण ने 2017 में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया। इससे पहले वे रांची विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के एचओडी भी रह चुके थे। उन्होंने संत जॉन्स कॉलेज, रांची से पढ़ाई की थी और रांची विश्वविद्यालय से एमए किया था, जिसमें वे अपने बैच के टॉपर थे। 

जब वे कोलकाता आईएम में पीएचडी कर रहे थे, उसी समय उनके पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद वे रांची लौटे और बतौर लेक्चरर कार्यभार संभाला। सेवानिवृत्ति के बाद वे इंस्टीच्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट के डायरेक्टर और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के लोकपाल भी बने। डॉ. शरण के निधन की खबर से राज्यभर में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका योगदान शिक्षा और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अमूल्य रहा है, जिसे हमेशा याद किया जाएगा।