पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप सहित दोनों पत्नियों को ईडी ने किया गिरफ्तार
Jharkhand Desk: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने झारखंड की राजधानी रांची में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) का मुखिया बताने वाले दिनेश गोपे और उसके 19 सहयोगियों पर बड़ा एक्शन लिया है. ED ने सभी आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत पूरक अभियोजन शिकायत यानी चार्जशीट (Supplementary Prosecution Complaint) दाखिल की है. यह चार्जशीट रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में दायर की गई है. ईडी ने संगठन के सुप्रीमो दिनेश गोप समेत 20 पर पूरक चार्जशीट दायर किया है. चार्जशीट में दिनेश गोप की दोनों पत्नियों के भी नाम शामिल है.
क्या है पूरा मामला
ईडी के रांची क्षेत्रीय कार्यालय ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के सुप्रीमो दिनेश गोप, उसकी पत्नी शकुंतला कुमारी, हीरा देवी समेत कुल 20 अन्य लोगों और शेल कंपनियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दायर की है. ईडी के द्वारा जारी की गई जानकारी में ये जानकारी दी गई है. ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की है. इस शिकायत में दिनेश गोप सहित सभी 20 आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध करने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि इन्होंने हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी (एक्सटॉर्शन) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत आतंकी कृत्यों जैसे संगठित आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर लगभग ₹20 करोड़ की अवैध संपत्ति (अपराध की आय) अर्जित की.
ईडी की जांच में सामने आया है कि पीएलएफआई द्वारा झारखंड और पड़ोसी राज्यों के ठेकेदारों, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से हिंसा, आगजनी और धमकी के जरिए व्यवस्थित रूप से लेवी (रंगदारी) वसूली जाती थी. अनुमान है कि इस संगठित जबरन वसूली से कुल 20 करोड़ की अवैध आय अर्जित की गई. ईडी अब तक इस अवैध आय में से 3.36 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का पता लगा चुकी है.
जांच के दौरान, दिनेश गोप के इस पूरे आपराधिक गतिविधियों के संचालन की परतें खुली हैं. पता चला है कि दिनेश गोप ने अपनी दो पत्नियों, शकुंतला कुमारी और हीरा देवी को आगे करके शेल कंपनियों का नेटवर्क खड़ा किया था. इन कंपनियों का कोई वैध व्यवसाय नहीं था लेकिन इनका इस्तेमाल भारी मात्रा में अवैध नकद राशि को बैंकिंग प्रणाली में जमा करने के लिए किया गया.
अपराध की आय के स्रोत को छुपाने के लिए, इन फंडों को हवाला लेनदेन, स्थानीय मनी ट्रांसफर ऑपरेटरों के नेटवर्क, और तीसरे पक्ष के व्यवसायों सहित कई जटिल तरीकों से घुमाया गया. अंत में इस धन का उपयोग लग्जरी वाहन और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी उच्च-मूल्य वाली संपत्ति खरीदने और परिवार के व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए किया गया, जिससे अवैध धन को वैध अर्थव्यवस्था में मिला दिया गया.
2024 में दिनेश हुआ था गिरफ्तार
25 लाख के इनामी दिनेश गोप को एनआईए की टीम ने 25 मई 2024 को गिरफ्तार किया था. दिनेश गोप ने टेरर फंडिंग के जरिए अकूत संपत्ति की कमाई की है. झारखंड के रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, चाईबासा समेत कई जिलों में पीएलएफआई का प्रभाव रहा था, इन इलाकों में कारोबारियों, ठेकेदारों से वसूली कर दिनेश गोप ने अकूत कमाई की थी.