RSS की तारीफ, कांग्रेस में हलचल! दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर बवाल, बाबूलाल मरांडी बोले– अब विरोधी भी मानने लगे संघ की ताकत

 

Jharkhand News: कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद दिग्विजय सिंह का एक ट्वीट इन दिनों सियासी गलियारों में हलचल मचा रहा है। इस ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा की संगठनात्मक क्षमता की तारीफ करते हुए कांग्रेस के भीतर सुधार की जरूरत की ओर इशारा किया। उनके इस बयान को लेकर जहां कांग्रेस के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस की अंदरूनी कमजोरी का प्रमाण बताया है।

झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने दिग्विजय सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मरांडी ने कहा कि दिग्विजय सिंह लंबे समय तक भाजपा और आरएसएस के सबसे मुखर आलोचकों में रहे हैं, लेकिन अब कांग्रेस और राहुल गांधी की स्थिति देखकर उन्हें भी संघ की ताकत स्वीकार करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार द्वारा शुरू किया गया संगठन आज देश के हर कोने में विचार और कार्यकर्ता के स्तर पर मजबूत है, और अब इसके विरोधी भी इसे नकार नहीं पा रहे।

दरअसल, शनिवार को दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी। इस तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा कि भाजपा और आरएसएस जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे शीर्ष पदों तक पहुंचने का अवसर देते हैं। इसी टिप्पणी ने राजनीतिक बहस को तेज कर दिया।

हालांकि बाद में दिग्विजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य कांग्रेस की आलोचना करना नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन से जुड़ी अपनी बातें वे पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में रख चुके हैं। एएनआई से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि वे आज भी आरएसएस की विचारधारा से असहमत हैं और हमेशा उसके विरोधी रहे हैं।

दिग्विजय के बयान के बाद कांग्रेस के भीतर भी अलग-अलग सुर सुनाई देने लगे। सांसद शशि थरूर ने उनके बयान का समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी संगठन में सुधार की जरूरत है। वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी दिग्विजय को अनुभवी नेता बताते हुए उनके बयान को गंभीरता से समझने की बात कही। वहीं पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत जैसे नेताओं ने आरएसएस की विचारधारा को सिरे से खारिज करते हुए दिग्विजय के बयान से दूरी बना ली।

कुल मिलाकर, दिग्विजय सिंह के एक ट्वीट ने न सिर्फ कांग्रेस के अंदर संगठनात्मक बहस को हवा दी है, बल्कि भाजपा को भी विपक्ष पर हमला बोलने का नया मौका दे दिया है।