ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका सिंह पांडेय को अदालत ने किया बरी, जानिए किस मामले में थीं आरोपी

Jharkhand Desk: यह मामला महागामा थाना कांड संख्या 72/2017 से जुड़ा है, जिसमें भादवि की धारा 147, 149, 353, 332, 427, 283, 504, 506 एवं 120B के तहत आरोप दर्ज किए गए थे. घटना वर्ष 2017 की है — जब महागामा में सड़क दुर्घटना के बाद लोगों ने सड़क जाम किया था. उस दौरान दीपिका सिंह पांडेय, जो उस वक्त कांग्रेस की जिला अध्यक्ष थीं,
 

Jharkhand Desk: 2017 में गोड्डा के महगामा थाना क्षेत्र में सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में दुमका के एमपी-एमएलए विशेष अदालत के मजिस्ट्रेट मोहित चौधरी ने  फैसला सुनाते हुए बाय इज्जत बरी कर दिया. 

यह मामला महागामा थाना कांड संख्या 72/2017 से जुड़ा है, जिसमें भादवि की धारा 147, 149, 353, 332, 427, 283, 504, 506 एवं 120B के तहत आरोप दर्ज किए गए थे. घटना वर्ष 2017 की है — जब महागामा में सड़क दुर्घटना के बाद लोगों ने सड़क जाम किया था। उस दौरान दीपिका सिंह पांडेय, जो उस वक्त कांग्रेस की जिला अध्यक्ष थीं, मौके पर पहुंची थीं. अदालत में 12 लोगों की गवाही हुई। गवाहों के बयान और साक्ष्य को देखते हुए कोर्ट ने  मंत्री दीपिका सिंह पांडेय को बरी कर दिया. 

2017 में इन धाराओं के तहत दर्ज हुई थी प्राथमिकी

यह मामला वर्ष 2017 का है. क्षेत्र भ्रमण के दौरान महगामा में सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति के घायल होने के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दी थी. इस दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष के रूप में दीपिका पांडेय सिंह घटनास्थल पर पहुंचीं थीं. मामले में थाना कांड संख्या 72/2017 में भादवि की धारा 147, 149, 353, 332, 427, 283, 504, 506 एवं 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी.