झारखंड में सहारा इंडिया पर 13.25 करोड़ की ठगी का नया मामला दर्ज, CID ने शुरू की जांच

 

सहारा इंडिया समूह की कानूनी परेशानियां एक बार फिर बढ़ गई हैं। झारखंड CID ने 13.25 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में सहारा समूह के खिलाफ एक नया एफआईआर दर्ज किया है। यह मामला रांची के धुर्वा निवासी संतोष कुमार की शिकायत पर आधारित है, जिन्होंने वर्ष 2022 में डोरंडा थाना में पहली शिकायत की थी। अब उस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए CID ने विस्तृत जांच शुरू की है।

इस प्रकरण की तह तक जाने और सभी आरोपों की गहराई से जांच करने की जिम्मेदारी एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है। एफआईआर में सहारा समूह के शीर्ष पदाधिकारियों, निदेशकों और कई शाखा प्रबंधकों के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और गबन की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

तीन सहकारी समितियां और क्यू शॉप के खिलाफ कार्रवाई
इस मामले में सहारा इंडिया समूह की तीन सहकारी संस्थाओं का भी नाम दर्ज किया गया है:

  • सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड
  • हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड
  • सहारा यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसाइटी लिमिटेड

इसके साथ ही सहारा क्यू शॉप को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है।

निवेशकों को नहीं मिला उनका पैसा
शिकायतकर्ता संतोष कुमार के अनुसार, उन्होंने और अन्य जमाकर्ताओं ने कुल मिलाकर 13 करोड़ 25 लाख रुपये सहारा समूह में निवेश किए थे। निवेश की अवधि पूरी हो चुकी है, यानी पैसा मियादी परिपक्वता (मैच्योरिटी) पर लौटाया जाना चाहिए था, लेकिन अब तक किसी को भी रकम वापस नहीं मिली।

उन्होंने आरोप लगाया कि निवेश करते समय सहारा इंडिया के अधिकारियों ने पूरी गारंटी और भरोसा दिया था कि उनकी राशि सुरक्षित है और उन्हें समय पर ब्याज सहित लौटाई जाएगी। लेकिन वर्षों के इंतजार के बाद भी कोई भुगतान नहीं हुआ।

इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज है मामला
एफआईआर में सहारा समूह के कई बड़े अधिकारियों को नामजद किया गया है, जिनमें शामिल हैं:

  • सुब्रत रॉय (अब दिवंगत) – प्रबंध निदेशक
  • ओपी श्रीवास्तव – डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर
  • अंजू लता – निदेशक
  • शैलेंद्र शुक्ला – डिप्टी सीनियर मैनेजर