मनरेगा में बदलाव और नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर तीखा हमला, MGNREGA का नाम बदलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान: कमलेश्वर पटेल

Ranchi: एमपी के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि मोदी सरकार ने लगातार पिछले 11 वर्षों से साजिश रचकर मनरेगा को कमजोर किया. पिछले 5 वर्षों में मनरेगा 50-55 दिन का रोजगार देने तक सिमट कर रह गया. उन्होंने कहा कि मनरेगा सिर्फ महात्मा गांधी का नाम बदलने तक का मामला नहीं है, बल्कि उस अधिकार को खत्म किया गया, जिसे कांग्रेस ने कानून के रूप में सुनिश्चित किया था...
 

Ranchi: मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने रांची में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन किया. इस दौरान मनरेगा में बदलाव और नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर तीखा हमला बोला. कमलेश्वर पटेल ने भाजपा नेताओं को गोडसेवादी करार देते हुए कहा कि ये लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से नफरत करने वाले हैं.

AICC सदस्य और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि एक तरफ केंद्र की भाजपा सरकार ने मनरेगा का नाम बदल दिया. दूसरी तरफ नेशनल हेराल्ड मामले में जांच एजेंसी का दुरुपयोग करके वर्षों तक बीमार रहने वाले सोनिया गांधी और राहुल गांधी को परेशान और बदनाम करने की साजिश की. कमलेश्वर पटेल ने इस दोनों घटनाओं को भाजपा द्वारा लोकतंत्र का चीरहरण की कोशिश करने की बात कही. उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस में अदालत के फैसले ने साफ कर दिया कि जनता के बीच गलत नैरेटिव सेट करने के लिए साजिश रची गई थी.

एमपी के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि मोदी सरकार ने लगातार पिछले 11 वर्षों से साजिश रचकर मनरेगा को कमजोर किया. पिछले 5 वर्षों में मनरेगा 50-55 दिन का रोजगार देने तक सिमट कर रह गया. उन्होंने कहा कि मनरेगा सिर्फ महात्मा गांधी का नाम बदलने तक का मामला नहीं है, बल्कि उस अधिकार को खत्म किया गया, जिसे कांग्रेस ने कानून के रूप में सुनिश्चित किया था. मनरेगा के लिए तैयार मसौदे को जिस स्थायी समिति के पास भेजा गया, उसके अध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता कल्याण सिंह थे. लेकिन वर्तमान मोदी सरकार ने मनरेगा की जगह नई योजना 'वीबी जी राम जी' लाने से पहले राज्यों से चर्चा तक नहीं की.

पूर्व मंत्री ने कहा कि मनरेगा से प्रति वर्ष 5 करोड़ परिवारों को रोजगार मिला, यह उनके आत्मसम्मान का अधिकार था. यह कानून संविधान के अनुच्छेद 21 से मिलने वाले अधिकारों पर आधारित गारंटी थी. उन्होंने कहा कि मनरेगा में कुल खर्च का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार देती थी. नए कानून में केंद्र और राज्य का अनुपात 60ः40 कर दिया गया है. कमलेश्वर पटेल ने कहा कि मोदी सरकार राज्यों पर 50 हजार करोड़ से अधिक का बोझ डालने वाली है, जो राज्यों की आर्थिक नींव को हिला देगा.

पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि नेशनल हेराल्ड का मामला कोई आर्थिक घोटाला नहीं था, बल्कि राजनीतिक साजिश थी. उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला कानून, संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्ष में हैं. इसमें ना किसी सरकारी धन का दुरुपयोग था, न किसी व्यक्तिगत संपत्ति की हेरा फेरी और ना किसी का आर्थिक लाभ था. लेकिन जबरन इसे घोटाले का रंग देने की कोशिश की गई. लेकिन अदालत ने इसे राजनीतिक बदले का उदाहरण मान कर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया.

मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि गांधी, अंबेडकर, नेहरू की साझा विरासत पर टिकी हमारी लोकतांत्रिक और संवैधानिक परंपरा को भाजपा, आरएसएस धीरे-धीरे कुतरना चाहते हैं. लेकिन उनकी सबसे बड़ी विडंबना यही है कि वह चाहे जितना मिटाने, घटाने या बदनाम करने की कोशिश कर लें, भारत की आत्मा गांधी, नेहरू और अंबेडकर से अलग नहीं की जा सकती है. इन नामों को हटाकर कोई नया भारत नहीं गढ़ा जा सकता. क्योंकि इसी विरासत पर यह लोकतंत्र, संविधान और यह देश खड़ा है.

प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर और पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम और उनकी विचारधारा का नाम लेने वालों से चीढ़ और नफरत भाजपा, आरएसएस के विचारधारा का केंद्रीय तत्व है. उन्होंने कहा कि यही नफरत की राजनीति समय-समय पर सामने आती रहती है. मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, राजेश कच्छप, राकेश सिन्हा, सोनाल शांति, जगदीश साहू सहित कई नेताओं की उपस्थिति रही.