झारखंड में SIR की तैयारी में जुटा चुनाव आयोग, मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण की तैयारियां ससमय पूरी करें: के रवि कुमार
Jharkhand Desk: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने मंगलवार को निर्वाचन सदन से सभी जिलों के ईआरओ एवं उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने आगामी मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण से पूर्व सभी तैयारियों को ससमय और त्रुटिरहित तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि वर्तमान मतदाता सूची से 2003 की मतदाता सूची का सटीक मैपिंग किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि न रहे. उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन मतदाताओं का नाम 2003 की मतदाता सूची में है, उन्हें इन्यूम्यूरेशन फॉर्म देते समय बीएलओ (BLO) द्वारा उस पुराने रिकॉर्ड का विवरण साथ में उपलब्ध कराया जाएगा.
समीक्षा के दौरान ऑनलाइन जुड़े सभी पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के पूर्व की तैयारियों में वर्तमान मतदाता सूची से लेकर 2003 के मतदाता सूची के मैपिंग की प्रक्रिया को त्रुटि रहित करें.
SIR को लेकर अधिकारियों को दिए गए निर्देश
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची की मैपिंग के क्रम में वैसे मतदाता जिनका 2003 के वोटर लिस्ट में नाम है, उन्हें इन्यूम्यूरेशन फॉर्म देते समय बीएलओ द्वारा पुराने मतदाता सूची में दर्ज मतदाता का विवरण उपलब्ध करा दिया जाए. वैसे मतदाता जिनका नाम 2003 में अन्य राज्य के मतदाता सूची में है, वे अपना विवरण संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ऑफिसियल वेबसाइट से डॉउनलोड कर सकते हैं. इसके लिए भी मतदाताओं को जागरूक करें.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि वैसे मतदाता जिनका 2003 के वोटर लिस्ट में नाम नहीं है, लेकिन उनके माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में है. ऐसे मतदाताओं को बीएलओ द्वारा उनके माता-पिता का विवरण 2003 की मतदाता सूची से निकालकर इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध कराने हेतु भी 2003 के मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची की मैपिंग पूरी करनी होगी. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं द्वारा इन्यूम्यूरेशन फॉर्म भरने के समय जन्म तिथि या जन्म स्थान प्रमाणित करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों के बारे में बताया गया है.
SIR के दौरान रखना होगा इन बातों का खास ध्यान
मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम राज्य में जल्द ही शुरू होने वाला है. ऐसे में कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें हर मतदाता को अपनी प्रमाणिकता साबित करते समय ध्यान रखना होगा.
- 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे मतदाता को अपनी जन्म तिथि या स्थान की सत्यता स्थापित करने के लिए केवल अपना एक वैध दस्तावेज देना होगा. यदि 2003 की मतदाता सूची में उनका नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा.
- 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाता को अपने दस्तावेज के साथ-साथ अपने माता-पिता में से किसी एक का वैध दस्तावेज जमा करना होगा. यदि 2003 की मतदाता सूची में उनका या उनके माता-पिता का नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा.
- 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे युवा मतदाता को अपना और अपने माता-पिता का वैध दस्तावेज फॉर्म के साथ देना होगा. यदि 2003 की मतदाता सूची में उनके माता-पिता का नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा.
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी जिलों के पदाधिकारियों को मतदाता सूची से संबंधित सभी फॉर्मों का ससमय रिव्यू करते हुए उसका निष्पादन करने हेतु निर्देश दिए. समीक्षा बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, सभी जिलों के ईआरओ एवं उप निर्वाचन पदाधिकारी सहित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के पदाधिकारी उपस्थित थे.