पहिले-पहिले हम कइनी, छठी मइया व्रत तोहार...गीतों की गूंज और नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा की शुरूआत

Chhath Puja Special 2025: नहाय-खाय छठ पर्व का पहला और पवित्र चरण है. छठ पूजा का पहला दिन, नहाय-खाय, अत्यंत पवित्र माना जाता है. यह चरण इस बात का प्रतीक है कि भक्त अब सांसारिक जीवन को पूरी तरह से त्याग कर भक्ति और अनुशासन के मार्ग पर चल पड़े हैं. इस दिन, भक्त नदी या तालाब में स्नान करके अपने शरीर को शुद्ध करते हैं और कद्दू भात और चने की दाल का सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं.
 

Chhath Puja Special 2025: सूर्य की उपासना का छठ पर्व की शुरुआत शनिवार से नहाए खाए से हुई. पहिले-पहिले हम कइनी, छठी मइया व्रत तोहार...गोदी के बलकवा के दिह, छठी मइया ममता दुलार..., गीतों की गूंज के साथ चार दिवसीय छठ पर्व शुरू हुआ. छठ व्रतियों ने सुबह से भगवान भास्कर की आराधना के महापर्व छठ का अनुष्ठान कर नहाय-खाय से शुरू किया। घरों में छठ मैया के गीतों के साथ लोगों ने पूजा की। नहाए खाए में छठ व्रतियों ने लौकी की सब्जी का सेवन कर शुरू किया.

अनुशासन, पवित्रता और आस्था का प्रतीक चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. धनबाद, झरिया, सिंदरी, गोविंदपुर, बलियापुर, निरसा और कोयलांचल के आसपास के इलाकों में श्रद्धालु बड़े उत्साह और भक्ति के साथ इस पर्व को मना रहे हैं. सुबह से ही व्रती महिलाओं और पुरुषों ने विभिन्न नदियों, तालाबों और जलाशयों में स्नान कर सूर्य देव की पूजा-अर्चना कर अपने पवित्र व्रत की शुरुआत की. दामोदर नदी पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई.

नहाय-खाय छठ पर्व का पहला और पवित्र चरण है. छठ पूजा का पहला दिन, नहाय-खाय, अत्यंत पवित्र माना जाता है. यह चरण इस बात का प्रतीक है कि भक्त अब सांसारिक जीवन को पूरी तरह से त्याग कर भक्ति और अनुशासन के मार्ग पर चल पड़े हैं. इस दिन, भक्त नदी या तालाब में स्नान करके अपने शरीर को शुद्ध करते हैं और कद्दू भात और चने की दाल का सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह भोजन तन और मन दोनों को शुद्ध करता है. 

छठ पूजा चार दिनों तक अत्यंत सादगी और पवित्रता के साथ मनाई जाती है.

  • पहला दिन शनिवार, 25 अक्टूबर - नहाय-खाय
  • दूसरा दिन रविवार, 26 अक्टूबर - खरना - व्रती दिन भर निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को गुड़-चावल की खीर, रोटी और केले का प्रसाद ग्रहण करते हैं;
  • तीसरा दिन सोमवार, 27 अक्टूबर - डूबते सूर्य को अर्घ्य - डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की जाती है;
  • चौथा दिन मंगलवार, 28 अक्टूबर - उगते सूर्य को अर्घ्य - सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है.
  • नहाय खाय में स्नान करने छठ घाट पहुंचे व्रती ने बताया कि नहाय खाय के साथ ही महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है. छठ अब देश में ही नहीं, विदेशों में भी पवित्रता के साथ मनाया जाता है. जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वह पूरी होती है. इस बार वह पहली बार छठ व्रत कर रही हैं. वह अपने पति की मनोकामना पूरी होने पर इस बार ये पर्व शुरू कर रही हैं.