हेमंत सरकार के वो महत्वपूर्ण फैसले जो सुर्खियों में रही और जिसने झारखंड की तस्वीर पूरी तरह बदल डाली, किस फैसले को मिली सबसे ज्यादा सुर्खियां...
Jharkhand Desk: हेमंत सरकार के दर्जनों निर्णयों और नई योजनाओं ने झारखंड सरकार की प्राथमिकता को साफ किया. सरकार ने सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया. राज्य सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए जो पूरे साल सुर्खियों में रहे...
Dec 24, 2025, 18:42 IST
Jharkhand Desk: महिला सशक्तिकरण, मुफ्त बिजली, अकादमी का गठन, सड़क, बिजली, पानी से लेकर अंगदान गाइडलाइन तक हेमंत सरकार के दर्जनों निर्णयों और नई योजनाओं ने झारखंड सरकार की प्राथमिकता को साफ किया. सरकार ने सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया. राज्य सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए जो पूरे साल सुर्खियों में रहे.
इस योजना की शुरुआत बेशक अगस्त 2024 में हुई लेकिन इसको वास्तविक पहचान मिली जनवरी 2025 में, जब 56 लाख से ज्यादा लाभुकों के खाते में 2,500 रुपए डीबीटी के जरिए ट्रांसफर किए गये. सीएम हेमंत ने इसे गरीब परिवारों की आर्थिक कमान महिलाएं के हाथ में सौंपने की पहल बताते हुए कहा कि यह राशि भोजन, बच्चों की पढ़ाई, कपड़े और गैस सिलेंडर तक के लिए सीधे सहारा बनेंगी. इस योजना को लेकर गंभीरता इस बात से झलकी कि सरकार ने बजट में 13,363 करोड़ का प्रावधान कर दिया.
सामाजिक सुरक्षा के तहत हेमंत सरकार का मुफ्त बिजली वाला फैसला खूब चर्चा में रहा है. राज्य सरकार ने मुफ्त बिजली योजना के लिए भी 5005.9 करोड़ रुपए अलग से रखे, जो घरेलू उपभोक्ताओं को राहत और गरीब परिवारों की मासिक बचत बढ़ाने में मददगार साबित हुआ. पूरे साल 200 यूनिट फ्री बिजली की चर्चा होती रही. इससे औसतन 41.45 लाख उपभोक्ता लाभ उठा रहे हैं.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में झारखंड सरकार ने 1.45 लाख करोड़ का बजट पेश किया. इसमें सामाजिक सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया. राष्ट्रीय स्तर पर फ्रीबी यानी मुफ्त योजनाओं की बहस के बीच झारखंड ने साफ संदेश दिया कि गरीबों, आदिवासियों और महिलाओं के लिए नकद सहायता और सब्सिडी को हक की तरह देखती है, न कि लालच के तौर पर.
सरकार ने झारखंड राज्य सड़क सुरक्षा नियम, 2025 को मंजूरी दी. सड़क हादसों पर नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन को सख्त बनाने की नींव रखी गई. राज्य सरकार ने राजधानीवासियों को कांटाटोली और सिरमटोली फ्लाईओवर की सौगात देकर ट्रैफिक समस्या से निजात की पहल की. इसके साथ ही रांची में करमटोली, सहजानंद चौक और अरगोड़ा में फ्लाईओवर बनाने का रास्ता खोला.
हेमंत सरकार ने झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग, 2025 के गठन पर सहमति दी, जो विस्थापित परिवारों के आवास, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक-आर्थिक सर्वे की जिम्मेदारी को संभालेगा. इससे खनन परियोजनाओं से प्रभावित समुदायों को न्याय मिल सकेगा.
कला-संस्कृति, शिक्षा और युवाओं पर फोकस
हेमंत सरकार ने संगीत, साहित्य और ललित कला को संस्थागत बढ़ावा देने के लिए झारखंड संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी और ललित कला अकादमी की स्थापना को हरी झंडी दी. सरकार ने दलील दी कि आदिवासी, मूलवासी संस्कृति और स्थानीय भाषाओं, लोक कलाओं की पहचान मजबूत किए बिना झारखंड की अस्मिता की रक्षा संभव नहीं है.
राज्य सरकार ने झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दी ताकि कोचिंग संस्थानों की फीस, गुणवत्ता, सुरक्षा और पारदर्शिता तय की जा सके और छात्रों, अभिभावकों के शोषण पर रोक लगे. इसके अलावा सरकार ने एससी-एसटी सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना में अनुदान 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख किया.
अंगदान गाइडलाइन से लेकर जल प्रबंधन पर फोकस
हेमंत सरकार ने झारखंड मृत दाता अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण गाइडलाइन को मंजूरी दी जो अंगदान और ट्रांसप्लांट को पारदर्शी और नैतिक ढांचे में लाने की दिशा में बड़ा कदम है. इस फैसले से गंभीर मरीजों को राज्य के भीतर बेहतर उपचार और प्रत्यारोपण सुविधा मिलने की उम्मीद बढ़ी. इसके साथ ही सरकार ने विश्व बैंक की मदद से बड़े डैम पुनर्वास परियोजना को भी मंजूरी दी ताकि जल प्रबंधन, सिंचाई और बाढ़ सुरक्षा को मजबूत किया जा सके.
बिजली, सड़क, परिवहन जैसे बुनियादी ढांचे पर जोर
राज्य सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि नई ट्रांसमिशन लाइनों पर सब स्टेशनों के लिए स्वीकृत की जिसमें धनबाद, सिंदरी, चास और मैथन जैसे औद्योगिक कोयला क्षेत्र शामिल हैं. पतरातू सुपर थर्मल पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट की लागत को संशोधित कर 1842 करोड़ रु कर दिया ताकि बिजली आपूर्ति नेटवर्क और मजबूत हो सके. सड़क क्षेत्र में रामगढ़, धनबाद और चाईबासा सहित कई जिलों में सड़कों के निर्माण, मरम्मत और विभागों के बीच रोड ट्रांसफर के प्रस्तावों को मंजूरी दी. इससे परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी. अग्निशमन सेवा के लिए आधुनिक रेस्क्यू वाहन खरीदने का फैसला हुआ.
सामाजिक, न्याय, पेंशन और कर्मचारी हित
हेमंत सरकार ने बड़ा फैसला लिया कि 1 दिसंबर 2004 के बाद नियमित किए गये अस्थायी लिपिकों की सेवा अवधि को पेंशन, ग्रेच्युटी और फैमिली पेंशन में गिना जाएगा. इससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों और उनके परिवारों को वृद्धावस्था सुरक्षा और पारिवारिक आर्थिक स्थिरता की उम्मीद जगी.
बजट स्टेबलाइजेशन फंड रूल्स को मंजूरी
राज्य सरकार ने हर वर्ग के लोगों के जीवन में सुधार की पहल की. झारखंड बजट स्टेबलाइजेशन फंड रुल्स, 2025 को मंजूरी दी. इसका उद्देश्य राज्य की आमदनी, खर्च में उतार-चढ़ाव को संभालना और आर्थिक झटकों से बचाव का बफर तैयार करना है. इससे लगातार कल्याणकारी योजनाएं चलाने के बावजूद वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की सरकार की रणनीति स्पष्ट हुई.
HEMANT GOVERNMENT IN 2025
नक्सलियों के आत्मसमर्पण को बढ़ावे देने वाली नीति से साल 2025 में दो दर्जन से ज्यादा नक्सली मुख्यधारा में लौटे. साथ ही जेएसएससी की संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा में धांधली की बात सामने आने पर सीआईडी से जांच करवाया. इसके अलावा शराब घोटाला और लैंड घोटाला मामले में एसीबी की जांच में पैनापन दिखा, जिसकी वजह से सीनियर आईएएस समेत कई कारोबारी सलाखों के पीछे पहुंचाए गये. सरकार ने रांची के लोकभवन (राजभवन) का नाम भगवान बिरसा मुंडा और दुमका के लोकभवन का नाम शहीद सिद्धो-कान्हू के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा.