झारखंड सरकार का किसानों के मुनाफे को लेकर बड़ा कदम...15 दिसंबर से MSP पर शुरू होगी धान की खरीद, जानिए पूरी Details
Ranchi: झारखंड सरकार ने खरीफ विपणन (मार्केटिंग) साल 2025-26 के लिए धान खरीद को किसानों की खुशहाली से जोड़कर एक बड़ा कदम उठाया है. अब राज्य भर में 700 से अधिक धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जाएगी, जिससे दूर-दराज के गांवों के उत्पादक भी सरकारी खरीद व्यवस्था से सीधे जुड़ सकेंगे.
15 दिसंबर से धान खरीद की शुरुआत
विपणन वर्ष 2025-26 के तहत झारखंड में धान खरीद की प्रक्रिया 15 दिसंबर 2025 से शुरू होने जा रही है. राज्य सरकार ने इसकी घोषणा कर दी है. जिला प्रशासन को लक्ष्य दिया गया है कि अधिक से अधिक पंजीकृत किसानों को सरकारी खरीद केंद्रों तक लाया जाए, ताकि बिचौलियों के चंगुल से उन्हें बाहर निकाला जा सके और उनका धान एमएसपी से कम पर बिक्री न हो. बता दें कि पिछले साल भी 15 दिसंबर से ही धान की खरीद शुरू हुई थी. उस साल 6 लाख मैट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था.
राज्य कैबिनेट ने झारखंड के किसानों को धान की बिक्री पर न्यूनतम समर्थन मूल्य और राज्य बोनस मिलाकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान करने का फैसला लिया है. इसमें केंद्र द्वारा तय एमएसपी के ऊपर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त बोनस शामिल है, जिसके लिए लगभग 48.60 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. धान की खरीद के 48 घंटे के भीतर किसानों के खाते में पूरा भुगतान करना अनिवार्य होगा.
राज्य में धान अधिप्राप्ति की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए ई-उपार्जन पोर्टल और e-POS (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनों का उपयोग किया जा रहा है. किसान पोर्टल पर पंजीकरण के बाद अपने नजदीकी अधिप्राप्ति केंद्र में सुविधानुसार स्लॉट बुक कर सकते हैं, जिससे भीड़ और प्रतीक्षा समय में कमी आएगी. पुरानी 2G पॉश मशीनों को 4G डिवाइस से बदला जा रहा है ताकि इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर हो और भुगतान की गति तेज हो सके.
इस पहल से झारखंड के लाखों धान उगाने वाले किसानों की इनकम सीधे तौर पर बढ़ने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलने की उम्मीद है. एमएसपी, बोनस, समयबद्ध भुगतान और डिजिटल निगरानी व्यवस्था से जहां फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित होगा, वहीं पारदर्शिता बढ़ेगी और शिकायतों की गुंजाइश कम होगी. पिछले साल की तुलना में इस साल दो बड़े नए बदलाव किए जा रहे हैं. पहला ये कि किसानों को 48 घंटे के भीतर पूरा भुगतान किया जाएगा. दूसरी सुविधा के तहत 2G POS (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी क्योंकि अब 4G POS मशीन का इस्तेमाल होगा.