राज्य का पहला सिकल सेल एनीमिया लैब का उद्धघाटन...राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहा सकारात्मक सुधार : डॉ इरफान अंसारी

Jharkhand Desk: झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया पीड़ितों की संख्या ज्यादा है. झारखंड में सिकल सेल एनीमिया जांच के लिए लैब की जरुरत तो पूरी हुई है लेकिन यहां थैलेसीमिया जांच के लिए बेहतर व्यवस्था भी जरूरी है. जिससे मरीजों को दूसरे जगह जाकर आर्थिक बोझ ना उठाना पड़े...
 

Jharkhand Desk: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी जमशेदपुर दौरे पर कई कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान खास महल स्थित सदर अस्पताल परिसर में बने राज्य का पहला सिकल सेल एनीमिया लैब का उद्धघाटन किया. मौके पर पोटका विधायक संजीव सरदार, जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू, जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी, टाटा स्टील के वीपीसीएस के अलावा जिला चिकित्सा पदाधिकारी मौजूद रहे. 

मौके पर विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया पीड़ितों की संख्या ज्यादा है. झारखंड में सिकल सेल एनीमिया जांच के लिए लैब की जरुरत तो पूरी हुई है लेकिन यहां थैलेसीमिया जांच के लिए बेहतर व्यवस्था भी जरूरी है. जिससे मरीजों को दूसरे जगह जाकर आर्थिक बोझ ना उठाना पड़े.

वहीं, विधायक संजीव सरदार ने कहा कि ग्रामीणों को सही और सुरक्षित चिकित्सा लाभ हो, सरकार इस दिशा में काम कर रही है. इस नए लैब का उद्धघाटन होना पोटका विधानसभा के लिए गर्व की बात है. जबकि टाटा स्टील के वीपीसीएस सुन्दर रामम ने कहा कि टाटा स्टील फाउंडेशन इस तरह की योजना के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करती है.

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड में अब MBBS की सीट बढ़ाकर 250 कर दी गई है. इससे राज्य में डाक्टरों की तदाद भी बढ़ेगी. हमारा प्रयास है कि चिकित्सा के क्षेत्र में हर तरह की सुविधा उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर को इलाज का हब बनाएंगे. यहां पांच सौ बेड वाला एक और अस्पताल तैयार किया जाएगा. ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है कि झारखंड में अब CCU और ICU का रेट पूरे राज्य में एक समान होगा. इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर अस्पताल को बिना शुल्क के शव उनके परिजन को देना होगा.

स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि पूरे राज्य में एक माह के अंदर एनीमिया और सिकल सेल की जांच कराएंगे. इस बीमारी को रोकना हमारी सरकार का लक्ष्य है. झारखंड के अस्पतालों में डॉक्टर नियमित सही समय पर आए. किसी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पिछले 20 साल में कुछ नहीं हुआ, लेकिन अब राज्य में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर बनाएंगे. बता दें कि सदर अस्पताल परिसर में 6 करोड़ 38 लाख 90 हजार की लागत से 100 बेड वाला प्री फ्रैंब्रिकेटेड हाई टेक सुविधा वाला सिकल सेल एनीमिया जांच लैब का निर्माण किया गया है.