झारखंड में SIR को लेकर राजनीतिक पार्टियों में जारी खींचतान।।।SIR के बाद लागू हो NRC: भाजपा नेता
Jharkhand Desk: झारखंड में एसआईआर को लेकर राजनीतिक पार्टियों में खींचतान जारी है. इस बीच झारखंड भाजपा के बड़े नेताओं में से एक अनंत ओझा ने कहा है कि एसआईआर के बाद अब एनआरसी लागू करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि संसाधन का उपयोग भारत के नागरिक कर सकें न की बांग्लादेशी घुसपैठी. अनंत ओझा ने उक्त बातें गिरिडीह भाजपा कार्यालय में बताई.
भाजपा नेता अनंत ओझा ने कहा कि 90 के दशक से बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ वे लगातार आवाज उठाते रहे हैं. बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण डेमोग्राफी लगातार बदलती रही. वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ये छद्म सेकुलरवाद राजनीतिक दलों द्वारा लगातार बांग्लादेशी घुसपैठियों के समर्थन में बयान आते रहे. इन बातों को वे लगातार चुनाव आयोग तक पहुंचाते रहे लेकिन उस वक्त चुनाव आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया था.
नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल से पहले अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में विशेष पुनरीक्षण का कार्य हुआ था. शेष आधा दर्जन पर कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन के कार्यकाल में एसआईआर हुआ. एसआईआर की प्रक्रिया चुनाव आयोग की सामान्य रूटीन प्रक्रिया है, जिसके तहत सारा काम हो रहा है.
उन्होंने कहा कि इंडिया महागठबंधन के पार्टियों ने घुसपैठियों को संरक्षण दिया है. बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं का नाम चढ़वाने का काम इंडिया महागठबंधन के पार्टियों के द्वारा किया गया है. अब जब विशेष वोटर पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है तो इन लोगों को डर हो गया है कि फर्जी मतदाताओं का चेहरा सामने आएगा तो वे (इंडिया महागठबंधन) बेनकाब हो जायेंगे.
दरअसल, गिरिडीह जिलाध्यक्ष चयन के लिए रायसुमारी करने अनंत ओझा गिरिडीह आए थे. उन्होंने यहां बताया कि जिले में दो जिलाध्यक्ष होंगे. एक महानगर दूसरा ग्रामीण का. गिरिडीह महानगर में गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र, गांडेय विधानसभा और डुमरी विधानसभा का तीन मंडल शामिल रहेंगे.
जबकि गिरिडीह ग्रामीण में धनवार, जमुआ और बगोदर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और इसे लेकर रायसुमारी की गई है. आगे संगठन को निर्णय लेना है. इस दौरान अनंत ओझा ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया. मौके पर जिला चुनाव अधिकारी शशिभूषण भगत एवं अरुण झा के अलावा पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहबादी, जिलाध्यक्ष महादेव दूबे, प्रदेश मंत्री दिलीप वर्मा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक उपाध्याय, प्रकाश सेठ, प्रदीप साहू, यदुनंदन पाठक, सुभाष सिन्हा, महेंद्र वर्मा, कामेश्वर पासवान, दिनेश यादव, नवीन सिन्हा, आशीष बॉर्डर समेत कई मौजूद थे.