एक दौर था जब इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था आज वो दौड़ है जब झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल RIIMS में गंभीर बीमारियों का होता है इलाज
Jharkhand Desk: एक दौर था जब इलाज के लिए लोग बड़े शहरों की तरफ रुख करते थे. पर जैसे-जैसे समय और सरकारें बदली, राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था भी नए युग की तरह हो चुकीं हैं. ऐसे में झारखंड के मरीजों को अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दूसरे राज्यों का रास्ता नहीं मापना पड़ेगा. हलही में सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के तहत 21 तरह की गंभीर और जटिल बीमारियों का इलाज झारखंड के भीतर ही सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए राज्य के चार प्रमुख सरकारी अस्पतालों को विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है, जिसमें रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) भी शामिल है. यहाँ सुपर स्पेशलिटी इलाज की सुविधाएं जल्द ही बहाल की जाएंगी.
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की पहल पर रिम्स रांची को गंभीर बीमारियों के इलाज का प्रमुख केंद्र बनाया गया है. यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों, प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ, आधुनिक मशीनों और अत्याधुनिक जांच सुविधाओं को चरणबद्ध तरीके से मजबूत किया जा रहा है. रिम्स के साथ-साथ राज्य के अन्य बड़े सरकारी अस्पतालों को भी इस योजना से जोड़ा गया है.
रिम्स रांची में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा किडनी ट्रांसप्लांट, गंभीर लीवर रोग, ब्रेन हेमरेज, बाईपास सर्जरी, गंभीर सिर की चोट, प्लास्टिक सर्जरी और न्यूरो से जुड़ी जटिल सर्जरी का इलाज भी रिम्स में संभव हो सकेगा. आंखों की गंभीर बीमारियों जैसे रेटिनल डिटैचमेंट, प्रोलिफेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी और पेनेट्रेटिंग केरेटोप्लास्टी का उपचार भी यहां किया जाएगा.
रिम्स में थैलेसीमिया, विस्कॉट एल्ड्रिच सिंड्रोम, सिकल सेल एनीमिया जैसी अनुवांशिक बीमारियों के इलाज पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बोन मैरो ट्रांसप्लांट को लेकर राज्य सरकार की तैयारी अंतिम चरण में है, जिससे भविष्य में यह सुविधा भी रिम्स और संबद्ध अस्पतालों में उपलब्ध हो सकेगी.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन सभी गंभीर बीमारियों का इलाज मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत किया जाएगा. इसके लिए अलग-अलग पैकेज तय किए जा रहे हैं, ताकि मरीजों को इलाज के दौरान आर्थिक बोझ न उठाना पड़े. जरूरत पड़ने पर मरीजों को राज्य के चिन्हित निजी अस्पतालों में भी रेफर किया जा सकेगा.
इन गंभीर बीमारियों का होगा इलाज
इस योजना के तहत सभी प्रकार के कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट, गंभीर लीवर रोग, एसिड अटैक, गंभीर सिर की चोट, रेटिना डिटैचमेंट, विस्कॉट एल्ड्रिच सिंड्रोम, थैलेसीमिया, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, बाईपास सर्जरी, ब्रेन हेमरेज, प्लास्टिक सर्जरी, प्रोलिफेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी, पेनेट्रेटिंग केरेटोप्लास्टी, ऑपरेशन ऑफ फिस्टुला सहित अन्य जटिल बीमारियों का इलाज किया जाएगा. जरूरत के अनुसार भविष्य में इस सूची में और बीमारियों को भी शामिल किया जा सकता है.