अबकी बार झारखंड में भी ‘खेला’ बड़ा होगा, और उसका स्क्रिप्ट लिख चुका है झामुमो!
Jharkhand Desk: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे झारखंड की सत्ता में भूचाल ला सकते हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा अब पूरी तरह आक्रामक मूड में है और उसके तेवर साफ बता रहे हैं कि बिहार का ‘खेला’ झारखंड में भी दोहराया जा सकता है. बिहार में महागठबंधन से सीटें न मिलने पर झामुमो की नाराजगी अब गुस्से में बदल चुकी है. पार्टी नेताओं का कहना है कि राजद और कांग्रेस ने बिहार में झामुमो के साथ राजनीतिक धोखाधड़ी की, और अब इसका जवाब झारखंड की जमीन पर दिया जाएगा.
झामुमो ने साफ संकेत दिए हैं कि गठबंधन की समीक्षा अनिवार्य है — और यह समीक्षा बिहार चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद हो सकती है. 14 नवंबर को जब बिहार के साथ-साथ झारखंड के घाटशिला उपचुनाव का नतीजा आएगा, तब राजनीतिक तापमान अपने चरम पर होगा. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर बिहार में एनडीए की सरकार बन गई, तो झारखंड में सत्ता परिवर्तन लगभग तय माना जा रहा है. वहीं अगर महागठबंधन को सफलता मिलती है, तब भी झामुमो अपने राजनीतिक समीकरणों की नई गिनती शुरू करेगा.
फिलहाल झामुमो की नाराजगी राजद और कांग्रेस दोनों के प्रति खुलकर सामने आ चुकी है. संकेत साफ है कि
अबकी बार झारखंड में भी ‘खेला’ बड़ा होगा, और उसका स्क्रिप्ट लिख चुका है झामुमो!
क्या कहते हैं राजद और कांग्रेस के नेता : झामुमो के द्वारा राजद और कांग्रेस पर राजनीतिक धूर्तता के आरोप पर राजद और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि झामुमो बिहार में समय ही नहीं देती है। सिर्फ गठबंधन का हिस्सा हो जाने से नहीं होता है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश यादव कहा कि झारखंड के गठबंधन मे राजद और कांग्रेस मजबूती रूप से है। बिहार में सीट शीयरिंग पर क्या हुआ यह तो महागठबंधन के शीर्ष नेतृत्व ही बता सकते हैं। वहीं कांग्रेस प्रवकता लाल किशोरनाथ सहादेव ने कहा कि राजनीतिक धूर्तता का आरोप लगाना गलत है। झामुमो को बिहार में चुनाव लड़ना चाहिए। वहीं भाजपा ने चुटकी लेते हुए कहा कि महागठबंधन से झामुमो बड़े बेआबरू होकर निकला है। यह झारखंड की जनता का अपमान है