पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा में दो महिलाओं की मौत, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा.. जांच में आया चौंकाने वाला तथ्य...

Chaibasa: स्टेट टीम के सदस्यों ने मृतक जावनी लागूरी और तुरी चंपिया के घर जाकर उनके परिजनों से गहन पूछताछ की. जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया...
 
Chaibasa: पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा वन क्षेत्र में बढ़ते स्वास्थ्य संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. चुरगी गांव में बीमारी से हुई दो महिलाओं की मौत और बड़ी संख्या में ग्रामीणों के बीमार होने की खबर के बाद सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की स्टेट मेडिकल टीम बुधवार को प्रभावित इलाके में पहुंची.
6 महीने से चल रहा था झाड़-फूंक और देसी इलाज:- परिजन
स्टेट टीम के सदस्यों ने मृतक जावनी लागूरी और तुरी चंपिया के घर जाकर उनके परिजनों से गहन पूछताछ की. जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि दोनों महिलाएं पिछले छह महीनों से बीमार थीं. अस्पताल जाने के बजाय, परिजन उनका इलाज स्थानीय ग्रामीण चिकित्सकों और झाड़-फूंक के माध्यम से करवा रहे थे. टीम ने महिलाओं के रहने की स्थिति और घर के अंदर के माहौल का भी जायजा लिया.
दौरे के बाद मलेरिया निरीक्षक डॉ. अनिल प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि शुरुआती जांच के आधार पर इन मौतों को सीधे तौर पर मलेरिया से नहीं जोड़ा जा सकता. उन्होंने कहा कि ये महिलाएं लंबे समय से बीमार थीं और उन्हें सही चिकित्सा परामर्श नहीं मिला. ग्रामीणों में जागरूकता का घोर अभाव है, जिसके कारण वे अस्पताल के बजाय अंधविश्वास का सहारा ले रहे हैं. सही समय पर इलाज न मिलना ही मौत का मुख्य कारण प्रतीत होता है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा चुरगी गांव में पिछले तीन दिनों से विशेष हेल्थ कैंप चलाया जा रहा है. इस कैंप की जांच रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 32 ग्रामीणों में मलेरिया के लक्षण पाए गए हैं. जांच के दौरान यह भी पता चला कि गांव में सहिया का पद काफी समय से खाली पड़ा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी निगरानी बाधित हुई है.
स्टेट टीम ने स्थानीय प्रशासन को गांव में जल्द से जल्द सहिया का चयन करने और लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक जैसे कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है. टीम ने ग्रामीणों को उबला हुआ पानी पीने और किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत सरकारी अस्पताल जाने की सलाह दी है.
इस टीम में कंसलटेंट जयंत देव सिंह, नीलम कुमार, जिला सलाहकार शशिभूषण महतो, बिनु सिंह लागूरी, बुद्धेश्वर महतो, सीएचसी प्रभारी डॉ. अनिल कुमार और मलेरिया संभाग के हरविंदर कुमार प्रमुख रूप से शामिल थे.