देखिए PRIVATE COMPANY का तांडव...आंखों से खून आने के बावजूद मैनेजर ने नहीं दिखाई संवेदना, कहा- HR से बात करो.. मैं तुम्हारे साथ काम नहीं करूंगा
Jharkhand Desk: नौकरी करना कोई बुइ बात नहीं है. मगर जब आप नौकरी करते हैं तो ज्यादातर हर प्राइवेट संस्थानों में एम्प्लॉय के साथ शोषण किया जाता है और इसका कोई रोकथाम नहीं है. सरकार प्राइवेट कंपनियों पर कोई शिकंजा नहीं कसती. कंपनी को जब चाहे जैसे चाहे वो एम्प्लॉय को परेशां करते हैं और सैलरी के नाम पर भीख देते है जैसे कंपनी को एम्प्लॉय की जरुरत नहीं. कंपनी तो बिना एम्प्लॉय के ही चलती है. जिस तरह दिया बाती के बिना अधूरा है ठीक उसी तरह कंपनी एम्प्लॉय पर ही रन करती है फिर अगर कंपनी एम्प्लॉय के बारे में ना सोचे तो किसके बारे में सोचे.
उम्र कम होती जा रही है और एम्प्लॉय के काम करने का टाइमिंग बढ़ता जा रहा है. सरकार को ये अजेंडा नहीं दिखता. क्यों नहीं हमारी सरकार प्राइवेट कंपनियों पर एक्शन लेती है क्यों नहीं प्राइवेट एम्प्लॉय के बारे में सोचती है. क्या देश के अहम मुद्दों में ये मुद्दा सरकार को नहीं दिखता
आजकल कार्यालयों में कर्मचारियों की सेहत की उपेक्षा का मामला बढ़ता जा रहा हैं. हाल ही में Reddit पर एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें एक कर्मचारी ने अपने मैनेजर के अमानवीय रवैये का खुलासा किया.
कर्मचारी ने बताया कि मई महीने में वह कंपनी में शामिल हुआ था और पिछले शुक्रवार से उसे कंजंक्टिवाइटिस (आंखों में गंभीर संक्रमण) हो गया था. डॉक्टर ने उसे एक हफ्ते आराम करने की सलाह दी, जो दवा की पर्ची पर भी लिखी थी. लेकिन जब शुक्रवार को उसकी आंखों से खून आने लगा, तो उसने अपने मैनेजर को स्थिति की जानकारी व डॉक्टर की पर्ची वॉट्सऐप पर भेजी. इसके जवाब में मैनेजर ने कहा, “एचआर से बात करो, मैं तुम्हारे साथ काम नहीं करूंगा. तुम कुछ नहीं कर रहे हो.”
इस जवाब को देखकर Reddit यूजर्स ने काफी गुस्सा जताया. कई लोगों ने कर्मचारी का समर्थन किया और कहा कि वे भी अपने कार्यालयों में बीमारी के समय ऐसा ही बर्ताव झेल चुके हैं. एक यूजर ने सुझाव दिया कि 'ऐसे मैनेजरों के लिए कभी-कभी बस फोन ऑफ करके आराम लेना ही सही रहता हैं.'