क्या बिहार चुनाव के बाद झारखंड में टूटेगा महागठबंधन? वित्त मंत्री ने झारखंड में महागठबंधन में दरार को नकारा, राजद ने कहा- झामुमो के हर फैसले का स्वागत

Jharkhand Desk: बिहार में महागठबंधन में सीट न मिलने के कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता लगातार बयानों के जरिए कांग्रेस व राजद को निशाने पर ले रहे है. बिहार में झामुमो ने चुनाव न लड़ने का फैसला लेकर झारखंड में भी चुनाव के बाद महागठबंधन की समीक्षा करने जैसी बातों को कहकर राजनीतिक हलचल मचा दी.
 

Jharkhand Desk: बिहार में महागठबंधन में सीट न मिलने के कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता लगातार बयानों के जरिए कांग्रेस व राजद को निशाने पर ले रहे है. बिहार में झामुमो ने चुनाव न लड़ने का फैसला लेकर झारखंड में भी चुनाव के बाद महागठबंधन की समीक्षा करने जैसी बातों को कहकर राजनीतिक हलचल मचा दी. इधर, बिहार में कल यानि गुरुवार को महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को सीएम और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित कर दिया गया. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से झारखंड मुक्ति मोर्चा के अलग हो जाने और उसके बाद सीएम हेमंत सोरेन के बेहद करीबी मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू द्वारा दिये जा रहे बयानों पर गठबंधन के अंदर की राजनीतिक कयासों का दौर जारी है.

इस बीच कांग्रेस विधायक सह वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड महागठबंधन में "ऑल इज वेल" की बात कही. मंत्री ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक परिपक्व राजनेता हैं. वहीं झामुमो भी परिपक्व राजनीतिक दल है, ऐसे में वह कोई भी अपरिपक्व फैसला नहीं करेंगे. 

वित्त मंत्री ने कहा कि जब कोई दल या व्यक्ति की खास इच्छा होती है और वह पूरा नहीं होता है तो अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए इस तरह की बातें कहनी पड़ती है. हमारा गठबंधन (जिसमें राजद,कांग्रेस और झामुमो शामिल है) में कोई दाग नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम आते ही सब ठीक हो जाएगा.

क्या जेएमएम के अंदर राज्य में महागठबंधन के स्वरूप को लेकर कोई इफ-बट चल रहा है? इस सवाल के जवाब में मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य में हमारा गठबंधन लालू यादव, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और हेमंत सोरेन के बीच है और इन नेताओं के बीच कोई मनमुटाव या दरार नहीं है.

एक ओर जहां राज्य के वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता राधाकृष्ण किशोर झारखंड में महागठबंधन में सबकुछ ठीक बता रहे हैं तो दूसरी ओर राजद की प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के बयान को निराशाजनक करार दिया है. राजद नेता ने कहा कि 2024 विधानसभा चुनाव में हमारी तैयारी भी 22 सीट की थी. लेकिन राज्य में फिरकापरस्त ताकतों का उदय न हो जाये इसलिए महज 07 सीट पर हमारे नेता मान गए.

राजद के कोई भी नेता या कार्यकर्ता ने भाषायी मर्यादा नहीं तोड़ी लेकिन गठबंधन के साथी जिस भाषा या लहजा में मंत्री बयानबाजी कर रहे हैं वह निराशाजनक है. राजद की प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि झामुमो राज्य में महागठबंधन की समीक्षा की बात करता है तो राजद भी उसका स्वागत करता है. उन्होंने कहा कि राजद, झामुमो और हेमंत सोरेन के हर फैसले का स्वागत करेगा लेकिन गठबंधन में रहकर इस तरह के भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

बता दें कि बिहार में महागठबंधन में जगह नहीं मिलने से खुद को बिहार चुनाव से अलग हो जाने का निर्णय लेते हुए गिरिडीह से झामुमो विधायक और मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने राजद और कांग्रेस पर राजनीतिक धूर्तता और चालबाजी जैसे शब्दों का उपयोग किया था. बिहार चुनाव के बाद झारखंड में गठबंधन में शामिल दलों की समीक्षा की बात कही थी.