1965 के युद्ध नायक एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर का 91 वर्ष की उम्र में निधन
भारत के प्रतिष्ठित एयर फोर्स फाइटर पायलट और 1965 के युद्ध के नायक, एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर का 91 वर्ष की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनकी बहादुरी ने उन्हें एक ऐतिहासिक योद्धा के रूप में स्थापित किया। 19 सितंबर 1965 को, उन्होंने अपने Gnat विमान से पाकिस्तान के F-86 सेबर जेट को मार गिराकर पाकिस्तान को हिला कर रख दिया था। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें 'वीर चक्र' से सम्मानित किया गया, जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है।
वायुसेना में कई महत्वपूर्ण पदों पर दी सेवाएं
नवंबर 1965 में वायुसेना में शामिल होने के बाद, एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने फाइटर स्क्वाड्रन, टैक्टिकल एयर कॉम्बैट डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट, एयर अताशे फ्रांस और फाइटर बेस के एयर ऑफिसर कमांडिंग जैसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में देश की सेवा की। उनकी वीरता और नेतृत्व क्षमता की सराहना हमेशा की जाती रही है।
1971 के युद्ध में भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
एयर मार्शल कीलोर ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ा गया था। हालांकि, 8 दिसंबर 1971 को उनके विमान को दुश्मन ने मार गिराया, लेकिन वे सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें युद्ध के समय अस्पताल में रहकर उपचार कराना पड़ा था।
एक साहसी योद्धा की कहानी
उनकी बहादुरी को एसएन प्रसाद ने अपनी किताब ‘द इंडिया-पाकिस्तान वॉर ऑफ 1965’ में भी दर्ज किया है। यह किताब भारतीय वायुसेना की तकनीकी चुनौतियों के बावजूद उनके साहस और वीरता को दर्शाती है। रिटायरमेंट के बाद एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर गुरुग्राम में रहते थे, जहां उन्होंने अपना जीवन शांतिपूर्वक व्यतीत किया।