ED को गिरफ्तार और जब्ती का अधिकार बरकरार, PMLA में कोई बदलाव नहीं: सुप्रीम कोर्ट 
 

 

सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ याचिकाकर्ताओं की आपत्ति को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ( PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय को मिले गिरफ्तारी के अधिकार को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तारी मनमानी नहीं है. 

जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कुल 242  याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया हैं. कोर्ट ने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तारी का प्रवर्तन निदेशालय का अधिकार बरकरार रहेगा. गिरफ्तारी प्रक्रिया मनमानी नहीं है. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की स्पेशल बेंच ने यह फैसला सुनाया.
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट में जो बदलाव किए गए थे, वह सही हैं. यही नहीं कोर्ट ने कहा कि एजेंसी की ओर से गिरफ्तारी करने और आरोपियों से पूछताछ करने में कुछ भी गलत नहीं है. इतना ही नहीं याचिकाकर्ताओं की एक और मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी ने कोई शिकायत दर्ज की है तो उसकी कॉपी आरोपी को देना जरूरी नहीं है. इसके अलावा सीबीआई या अन्य किसी एजेंसी की ओर से बंद किए गए मामले को भी ईडी अपने हाथ में लेकर जांच कर सकती है. वैसे बता दें दायर की गई याचिकाओं में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से रेड, गिरफ्तारी के अधिकार, संपत्ति को जब्च करने और बेल की कठिन शर्तों पर विचार करने की अपील की गई थी.