दिल्ली में दमघोंटू हवा पर BJP का हमला- AAP ने किया धोखा, अब रेखा गुप्ता सुधारेगी हालात…
National news: दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। दिवाली के बाद राजधानी की हवा में धुंधलापन जरूर बढ़ा है, लेकिन भाजपा का कहना है कि हालात पिछले साल जितने गंभीर नहीं हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सोमवार को कहा कि “यह सही है कि प्रदूषण स्तर बढ़ा है, लेकिन यह भी तथ्य है कि जिस दिन (17 अक्टूबर) से हवा खराब होनी शुरू हुई, उससे दो-तीन दिन पहले ही पंजाब से पराली जलाने की खबरें आने लगी थीं।
पिछले साल से बेहतर स्थिति
सचदेवा ने बताया कि बीते वर्ष 2024 में दिवाली के अगले दिन, यानी 31 अक्टूबर को दिल्ली का औसत ए.क्यू.आई 396 दर्ज किया गया था- जो “गंभीर” श्रेणी में था। वहीं इस वर्ष 21 अक्टूबर को ए.क्यू.आई 356 दर्ज किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में कम है।
उन्होंने कहा कि “कल रात दिल्ली में पटाखे जरूर चले, लेकिन इसका हवा की गुणवत्ता पर कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं पड़ा। दिल्ली की जनता ने संयम के साथ उत्सव मनाया।
पराली जलने पर पंजाब सरकार जिम्मेदार
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब में बाढ़ के बाद अब खेत सूखने लगे हैं और किसान पराली जला रहे हैं। सचदेवा ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 11 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2025 के बीच पंजाब में 309 पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, यह शर्मनाक है कि पंजाब सरकार ने न तो पहले किसानों को वैकल्पिक समाधान दिया, न अब बाढ़ से प्रभावित किसानों को कोई आर्थिक मदद। नतीजा यह है कि किसान फिर पराली जलाने को मजबूर हैं।
आप नेताओं की राजनीति से बिगड़ती स्थिति
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण पर राजनीति करना आम आदमी पार्टी के नेताओं की आदत बन चुकी है। उन्होंने सौरभ भारद्वाज पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, सौरभ बाबू की मजबूरी है कि उन्हें अपने वोट बैंक को खुश रखना है, इसलिए वे हर बार जनता के बीच भ्रम फैलाते हैं। कभी पटाखों पर, कभी प्रदूषण पर सच यह है कि उन्होंने दस साल में कुछ नहीं किया।
अब दिल्ली में योजनाबद्ध तरीके से काम हो रहा है
भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि अब दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार वायु प्रदूषण कम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि “पहले कांग्रेस और फिर केजरीवाल सरकार ने केवल घोषणाएं कीं, लेकिन अब स्थिति सुधारने के ठोस प्रयास हो रहे हैं- चाहे वह धूल नियंत्रण अभियान हो या निर्माण स्थलों पर निगरानी।”