रोबोटिक सर्जरी में भारत ने रचा इतिहास, फ्रांस से भारत तक रिमोट सर्जरी कर SSI Mantra ने रच दिया कीर्तिमान
चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में भारत ने एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। एसएस इनोवेशंस इंटरनेशनल, इंक. ने फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में आयोजित सोसाइटी ऑफ रोबोटिक सर्जरी (SRS) की वार्षिक बैठक के दौरान दो बेहद जटिल सर्जरी भारत में रिमोट तरीके से सफलतापूर्वक अंजाम दीं। इन सर्जरी में SSI Mantra Surgical Robotic System का प्रयोग किया गया, जिसने महाद्वीपों की दूरी को भी चिकित्सा विज्ञान के आगे बौना साबित कर दिया।
इन दोनों ट्रांसकॉन्टिनेंटल टेली-सर्जरी के माध्यम से लगभग 10,000 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए फ्रांस के IRCAD मुख्यालय से भारत के इंदौर स्थित श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (SAIMS) और IRCAD नेशनल सेंटर को जोड़ा गया। यह उपलब्धि रोबोटिक तकनीक की परिष्कृत क्षमता और उच्च नियंत्रण प्रणाली का स्पष्ट प्रमाण है।
पहली सर्जरी गैस्ट्रिक बायपास की थी, जिसे डॉ. मोहित भंडारी ने मात्र 44 मिनट में पूर्ण किया। डॉ. भंडारी IRCAD इंडिया के अध्यक्ष और मोहक बैरियाट्रिक्स एंड रोबोटिक्स, इंदौर के संस्थापक हैं।
दूसरी सर्जरी एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (ASD) क्लोजर थी, जिसे डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने अंजाम दिया। वे SS इनोवेशंस के संस्थापक और सीईओ हैं। यह सर्जरी अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो मेडिसिन के प्रोफेसर और विश्वविख्यात कार्डियक रोबोटिक सर्जन डॉ. हुसाम एच. बाल्खी की निगरानी में संपन्न हुई।
भारत में मरीज के समीप मौजूद डॉक्टरों की टीम में डॉ. ललित मलिक (मुख्य कार्डियक सर्जन, मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर), डॉ. रामकृष्ण शुक्ला (कार्डियोलॉजिस्ट) और डॉ. बिपिन आर्य (एनेस्थीसियोलॉजिस्ट) शामिल थे, जिनके सक्रिय सहयोग से सर्जरी पूरी तरह सफल रही।
डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने इस उपलब्धि को "तकनीकी नवाचार के साथ-साथ दूरदराज़ के इलाकों तक विशेषज्ञ सर्जरी पहुंचाने की हमारी प्रतिबद्धता" बताया। उनके अनुसार, यह पहल भविष्य में उन क्षेत्रों के लिए उम्मीद की किरण बनेगी, जहां अनुभवी सर्जनों की तत्काल मौजूदगी संभव नहीं है।
यह उपलब्धि न केवल भारत के चिकित्सा क्षेत्र के लिए गौरव की बात है, बल्कि यह दुनिया को यह भी दिखाता है कि तकनीक की मदद से सीमाएं मिटाई जा सकती हैं और चिकित्सा सेवा को वैश्विक स्तर पर कहीं अधिक सुलभ बनाया जा सकता है।